नई दिल्ली। सरकारी क्षेत्र की दूरंसचार कंपनी कंपनी बीएसएनएल का नकदी संकट गहराता जा रहा है। खबरों के मुताबिक, बीएसएनएल को अपने कर्मचारियों का अगस्त का वेतन देने में दिक्कत आ रही है। बीएसएनएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पी के पुरवार ने इस बारे में कुछ भी कहने से मना कर दिया है। दूसरी तरफ, बीएसएनएल के कर्मचारी संगठनों के अखिल भारतीय संघ एयूएबी के समन्वयक पी. अभिमन्यु ने कहा है कि सरकार पर बीएसएनएल का बहुत बकाया है। वहीं, कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नकदी संकट की बात स्वीकार की।
नाम नहीं बताने की शर्त पर अधिकारी ने खुलासा किया है कि कंपनी की हर महीने की आमदनी करीब 1,400 करोड़ रुपये है। कर्ज पर ब्याज भुगतान समेत उसकी कुछ देनदारियां भी हैं। नकदी संकट के चलते अगस्त का वेतन देने में दिक्कतें पेश आ रही हैं। हालांकि वेतन कब दिया जाएगा, इसके बारे में उन्होंने कुछ नहीं बताया है। दूसरी तरफ, पेंशन योगदान के नाम पर सरकार 2007 से बीएसएनएल से हर साल करीब 400 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि भी वसूल रही है।
वहीं, एयूएबी अपनी मांगों को लेकर दबाव बढ़ाने के लिए देशभर में आंदोलन चलाने की भी योजना बना रही है। अभिमन्यु ने कहा कि इस बार हम देशव्यापी आंदोलन की योजना बना रहे हैं। दूरसंचार विभाग अगर वेंडर और बीएसएनएल दोनों का बकाया भुगतान कर दे तो कर्मचारियों को समय पर वेतन दिया जा सकेगा। बता दें कि बीएसएनएल के कुल कर्मचारियों की संख्या 1,65,179 है। इनके वेतन पर कंपनी की कुल आय का करीब 75 प्रतिशत खर्च होता है। कंपनी के 14,000 करोड़ रुपये के नुकसान में होने का अनुमान है जबकि 2018-19 में उसकी कुल आय 19,308 करोड़ रुपये थी।