नई दिल्ली। सरकार द्वारा घोषित सरकारी बैकों का समेकन एक क्रेडिट पॉजिटिव है, लेकिन उनके क्रेडिट मेरिट में तत्काल कोई सुधार नहीं होगा, क्योंकि उन सभी की करदान क्षमता की स्थिति अपेक्षाकृत कमजोर है। यह बात वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कही है। मूडीज ने कहा कि सरकारी बैंकों के समेकन से उनका संचालन अर्थपूर्ण होगा और कॉरपोरेट जैसे खंड में उनकी प्रतिस्पर्धी स्थिति में मदद मिलेगी, जहां उनकी ग्राहक वालेट हिस्सेदारी कम है, और खुदरा ऋण में, जहां उनका संचालन मंद है।
मूडीज इवेस्टर्स सर्विस के फायनेंशियल इंस्टीट्यूशन ग्रुप के उपाध्यक्ष, श्रीकांत वादलमणि ने कहा कि इससे बैकों को प्रौद्योगिकी में निवेश करने में भी मदद मिलेगा, जहां वे निजी सेक्टर के बैंकों की तुलना में काफी कमजोर हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ये कदम ढांचागत की बनिस्बत वृद्धिशील हैं, और उनके क्रियान्वयन की गुणवत्ता उनकी प्रभावकता को निर्धारित करेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि समेकन कॉरपोरेट गवर्नेंस में सुधार का मौका देगा, और बैंक बोर्ड की कार्यप्रणाली सुधारने को घोषित उपाय उस दिशा में एक कदम है। उल्लेखनीय है कि देश में जारी मंदी से निपटने के क्रम में सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों को जारी रखते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को 10 सरकारी बैंकों को मिलाकर चार बैंक बनाने की घोषणा की।