नई दिल्ली। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक त्रिलोचन महापात्रा ने किसानों से भरपूर आय के लिए औषधीय गुणों से भरपूर शहजन की व्यावसायिक बागवानी करने का अनुरोध किया है। डा महापात्रा ने आज यहां भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में प्रौद्योगिकी नवाचार दिवस समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में एक प्रगतिशील किसान ने शहजन की पत्तियों का निर्यात शुरु कर दिया है। वहां कुछ क्षेत्रों में शहजन की वयावसायिक बागवानी की गयी है। उन्होंने कहा कि देश में 85 प्रतिशत लधु और सीमांत किसान है वे शहजन के बाग लगा सकते हैं। उन्होंने कहा कि शहरों के लोगों को शहजन के गुणों की जानकारी नहीं हैं। वे इसे जंगली वस्तु समझते हैं। उन्होंने कहा कि शहजन की पत्तियों से अब चाय बन रही है।
इसमें मसालों का उपयोग किया गया है। डा महापात्रा ने कहा कि कृषि से हम करोड़ों रुपये कमा सकते हैं। इसमें इंजीनियरिंग और प्रबंधन की पढाई करने वाले छात्र आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि खेती अब भी फायदेमंद है। खेती के कारण किसान मर रहे हैं यह गलत है। उन्होंने कहा कि किसानों को रिण प्रबंधन नहीं आता है। पंजाब के किसान खेती नहीं छोड़ेंगे। युवा खेती ओर नहीं आकर्षित हो रहे हैं यह अलग बात है। महानिदेशक ने कहा कि खेती को लेकर समाज में गलत तरह की सोच बन गयी है जिसके कारण इसे खराब दृष्टि से देखा जाने लगा है। इस सोच में बदलाव लाने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए कृषि संस्थानों के दरवाजे हमेशा खुले हैं। किसान फार्मर प्रोड्यूसर संगठन बनायें और अपने उत्पाद का प्रसंस्करण कर सीधे बाजार से जुड़े। इसमें कोई समस्या होने पर कृषि संस्थान उनकी भरपूर मदद करेंगे।