नई दिल्ली। सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया का परिचालन राजस्व चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीने में 18 प्रतिशत बढ़ा है जिससे उसका घाटा 78.80 प्रतिशत कम हुआ है। कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अश्विनी लोहानी ने यहाँ एक कार्यशाला में संवाददाताओं को बताया कि इस साल अप्रैल से जुलाई के दौरान यात्री सेवा से प्राप्त एयर इंडिया के राजस्व में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। परिचालन से प्राप्त कुल राजस्व भी 18 फीसदी बढ़ा है।
उन्होंने बताया कि अच्छे प्रदर्शन के कारण कंपनी का परिचालन घाटा पहले चार महीने में 78.80 प्रतिशत कम होकर 170 करोड़ रुपये रह गया है। पिछले वित्त वर्ष के पहले चार महीने में कंपनी को 802 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। उल्लेखनीय है कि निजी विमान सेवा कंपनी जेट एयरवेज का परिचालन 17 अप्रैल से बंद होने के बाद से एयर इंडिया की बाजार हिस्सेदारी में भी इजाफा हुआ है। इससे उसे राजस्व बढ़ाने में मदद मिली है।
लोहानी ने कहा कि इस समय कंपनी के बेड़े में 169 विमान हैं तथा नये विमान लेने की बजाय पुराने ग्राउंडेड विमानों को दुरुस्त कर वह नेटवर्क विस्तार में इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि अभी 20 विमान ग्राउंडेड हैं। इनमें सात वाइड बॉडी विमान सितंबर के अंत तक परिचालन के लिए तैयार हो जायेंगे जबकि नैरो-बॉडी विमान दिसंबर तक तैयार होंगे।
एयर इंडिया प्रमुख ने बताया कि कंपनी ने इस साल अब तक घरेलू मार्गों पर 21 और अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर पाँच नयी उड़ानें शुरू की हैं तथा दिसंबर तक घरेलू मार्गों पर सात और अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर पाँच नयी उड़ानें शुरू करने की योजना है। उन्होंने कहा कि एयर इंडिया को विरासत में कई समस्यायें मिली हैं जो पहले (इंडियन एयरलाइंस के) विलय से और बाद में विभिन्न इकाइयों को अलग-अलग करने से पैदा हुई हैं। सबसे बड़ी समस्या ऋण की है।
अभी कंपनी के ऊपर 58 से 60 हजार करोड़ रुपये का ऋण है। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि ऋणों के ब्याज के रूप में कंपनी को सालाना पाँच से छह हजार करोड़ रुपये देने पड़ रहे हैं। तेल विपणन कंपनियों द्वारा छह हवाई अड्डों पर एयर इंडिया की इकाइयों को विमान ईंधन की आपूर्ति रोके जाने के बारे में उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को जल्द सुलझा लिया जायेगा।