फतेहपुर। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआएलएम) के तहत उत्तर प्रदेश में पहली बार महिला स्वयं सहायता समूह को एलईडी बल्ब के उत्पादन,रिपेयंरिंग और बिक्री का प्रशिक्षण दिया गया। फतेहपुर जिले में उप मंडलायुक्त (रोजगार) लालजी यादव के नेतृत्व में आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को एलईडी बल्ब और बैटरी की रिपेयंरिंग और बिक्री के गुर सिखाये गये। यादव ने बताया कि कार्यक्रम का मकसद ग्रामीण अंचलों में बिजली की पर्याप्त उपलब्धता के साथ महिलाओं को रोजगार के अवसर मुहैया कराना था।
गुरूवार को सम्पन्न हुये प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने वाली महिलाओं ने पूरी शिद्दत के साथ एलईडी बल्ब की रिपेयंरिंग और विपणन के काम की जानकारी हासिल की। इस कार्यक्रम में 50 से अधिक महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों ने भागीदारी की। उन्होने बताया कि निजी कंपनी के सी मोरा ने कार्यक्रम के दौरान तकनीकी सहायता उपलब्ध करायी।
कंपनी के संस्थापक मुनीश शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि इनवर्टर एलईडी बल्ब भारतीय मानक ब्यूरो से प्रमाणित है जो त्वरित चार्जिंग प्रणाली से लैस होते है। एक बार फुल चार्ज करने पर बल्ब तीन घंटों तक रोशनी दे सकता है। कंपनी के एक अन्य संस्थापक डॉ अजय कुमार ने कहा कि कंपनी फतेहपुर में बल्ब की बिक्री,विपणन और गुणवत्ता नियंत्रण (एसएसक्यू) की 30 इकाइयां स्थापित करेगी और आने वाले समय में सूबे के अन्य जिलों में भी एसएसक्यू की स्थापना की जायेगी।