नई दिल्ली। उद्योग संगठन एसोचैम ने सोमवार को कहा कि उसे आगामी बुधवार को जारी होने वाले मौद्रिक नीति बयान में नीतिगत ब्याज दरों में आधा फीसदी कटौती की उम्मीद है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति की चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक बैठक आज से मुंबई में शुरू हो गयी। बैठक तीन दिन चलेगी और आखिरी दिन सात अगस्त को नीतिगत ब्याज दरों के बारे में घोषणा की जायेगी।
एसोचैम ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि उद्योगों के साथ चर्चा के बाद उसे उम्मीद है कि अर्थव्यवस्था की वर्तमान परिस्थितियों के परिप्रेक्ष्य में रिजर्व बैंक रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की कमी करेगा। उसने कहा कि ब्याज दरों में कटौती से माँग बढ़ेगी और निवेश लागत घटने से निवेश बढ़ेगा। उद्योग संगठन ने कहा, ‘‘ उपभोक्ता माँग बढ़ाने और तत्काल निवेश आकर्षित करने के लिए पूँजी लागत घटाने की जरूरत है। उम्मीद है कि सरकार और केंद्रीय बैंक मिलकर गैर-बैकिंग वित्तीय कंपनियों, वाहन उद्योग, आवास क्षेत्र और रियल इस्टेट में तरलता बढ़ाने के उपाय करेंगे।’’
एसोचैम ने कहा कि आरबीआई ने इस साल तीन बार में रेपो दर में 0.75 प्रतिशत की कटौती की है, लेकिन वाणिज्यिक बैंकों ने उपभोक्ताओं को इसका आधा लाभ भी नहीं दिया है। यह ब्याज दरों में कटौती के लिए सही समय है क्योंकि मुद्रास्फीति आरबीआई के चार प्रतिशत के लक्ष्य के काफी कम है और नॉमिनल तथा वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद का अंतर काफी अधिक है।