श्रीगंगानगर। राजस्थान में श्रीगंगानगर के जिला शिक्षा विभाग में एक शारीरिक शिक्षक ओमप्रकाश शर्मा द्वारा किये गये 35 करोड़ के फर्जीवाड़े का दायरा लगातार बढ़ रहा है। शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों की एक टीम आज भी मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (सीबीईओ) के कार्यालय में पिछले दस वर्षो के रिकॉर्ड की गहनता से जांच पड़ताल कर रही है। टीम ने पुलिस को गत चार वर्षो का रिकॉर्ड सौंप दिया गया। बाकी रिकॉर्ड सौंपने से पहले यह टीम अपनी जांच मुकम्मल करने में लगी है। इस बीच आरोपी अपनी पत्नी के साथ फरार है। ओमप्रकाश का एक पुत्र अपने ननिहाल झुंझुनूं में रहकर पढ़ाई कर रहा है। इस मामले की जांच कर रहे पुरानी आबादी थानाप्रभारी दिगपाल सिंह ने बताया कि कल तक विभाग के रिकॉर्ड से पता चला था कि 172 फर्जी नाम के कर्मचारियों के उपार्जित अवकाश (पीएल) के पे-बिल जिला कोष कार्यालय में भेजकर ओमप्रकाश शर्मा ने करीब 35 करोड़ की राशि अपने परिवारजनों, रिश्तेदारों और परिचितों के लगभग 50 खातों में जमा करवाई है।
उन्होंने बताया कि इन सभी बैंकों को पुलिस ने पत्र लिखकर ये सभी खाते सीज करवा दिये हैं। इनमे लेनदेन रोक दिया गया है। इन बैंकों में खाते खुलवाते समय पेश किये गये दस्तावेजों की कॉपियां पुलिस ने तलब की हैं। अधिकांश बैंक खाते सिर्फ एक बार ही रकम जमा होने के बाद आॅपरेट हुए हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार जनवरी 2015 में सीबीईओ कार्यालय में अधिकांश काम कम्प्यूटरीकृत हुआ था। आरोपी ओमप्रकाश के विरुद्ध दर्ज करवाये गये मुकदमे में जनवरी 2015 से 30 जुलाई 2019 की अवधि में 35 करोड़ का फर्जीवाड़ा करने का आरोप है। शिक्षा निदेशालय बीकानेर से मुख्य लेखाधिकारी विनीत सहारण के नेतृत्व में लेखाकर्मियों की टीम अलग से जांच कर रही है कि ओमप्रकाश शर्मा ने विभागीय व्यवस्था में किन खामियों एवं लापरवाहियों के चलते इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया। उल्लेखनीय है कि स्थानीय सद्भावनानगर निवासी ओमप्रकाश शर्मा 30 जुलाई को अपराह्न इस फर्जीवाड़े के पकड़ में आने की भनक लगते ही गायब है। उसे कल निलम्बित भी कर दिया गया है। पुलिस उसके सम्भावित छिपने के ठिकानों पर छापे मार रही है।