चंडीगढ़। हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग ने बॉयलर मालिकों को निर्देश दिए हैं कि वे 25 लीटर से अधिक क्षमता तथा एक किलोग्राम प्रतिवर्ग सेंटीमीटर प्रेशर व 100 डिग्री तापमान वाले बॉयलरों के संचालन से पहले इनका पंजीकरण अवश्य करवा लें। यह जानकारी देते हुये विभाग के प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि पंजीकरण के बिना बॉयलर चलाना बॉयलर अधिनियम, 1923 के अन्तर्गत दंडनीय अपराध है।
बॉयलर को पंजीकृत करवाना बॉयलर मालिक की जिम्मेवारी है और ऐसा न करने पर किसी भी अप्रिय घटना के लिए बॉयलर मालिक स्वयं जिम्मेवार होंगे। प्रवक्ता के अनुसार बॉयलर मालिकों को सलाह दी गई है कि बॉयलर स्थापित करने के लिए केवल मान्यता प्राप्त बॉयलर इरेक्टर को ही चुनें। बॉयलर की स्टीम पाइपलाइन के लिए भारतीय बॉयलर विनियम, 1950 के अनुसार मिश्रित धातु का इस्तेमाल किया जाए और विक्रेता से उनका वास्तविकता प्रमाणपत्र भी लिया जाए।
भुगतान के समय बॉयलर विक्रेता से भारतीय बॉयलर विनियम, 1950 के अनुसार सम्पूर्ण दस्तावेज लें तथा बॉयलर चलाने से पहले पंजीकरण के समय सभी दस्तावेज जमा करवाएं। प्रवक्ता ने बताया कि बॉयलर विक्रेता की भी यह जिम्मेवारी है कि बॉयलर बेचते समय वह खरीदादार को इसके सम्पूर्ण दस्तावेज देना सुनिश्चित करे और बॉयलर विभाग को भी इसकी सूचना दे अन्यथा मालिकों के साथ-साथ किसी भी दुर्घटना के लिए वे भी जिम्मेवार होंगे। बॉयलर मालिकों को सलाह दी गई है कि बायलर हमेशा बॉयलर अटेंडेंट या बॉयलर आप्रेशन इंजीनियर की उपस्थिति में ही चलाएं। स्केल से बचने के लिए बॉयलर की नियमित तौर पर सफाई करें और सॉफ्ट वाटर का इस्तेमाल करें।