नई दिल्ली। सरकार ने गुरुवार को लोकसभा में स्पष्ट किया कि किसी निजी विमानन कंपनी के मामले में हस्तक्षेप का उसका कोई इरादा नहीं है। नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार किसी निजी विमानन कंपनी के परिचालन या अन्य देनदारियों के मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगी।
भारतीय जनता पार्टी के गोपाल शेट्टी ने पूछा था कि जेट एयरवेज पर भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम का करोड़ों रुपये बकाया है, ऐसी स्थिति में क्या सरकार जेट एयरवेज को अपने नियंत्रण में लेकर परिचालित करेगी। एक अन्य सदस्य के पूरक प्रश्न के उत्तर में पुरी ने कहा कि जेट एयरवेज के विमानन क्षेत्र से हट जाने के बावजूद घरेलू विमानन बाजार में 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है तथा उड़ानों की संख्या में कोई कमी नहीं आयी है।
जेट एयरवेज के हटने के कारण खाली पड़ी स्लॉटों में अन्य विमानन कंपनियों ने परिचालन शुरू कर दिया है, इसलिए उड़ानों की उपलब्धता पर कोई बहुत फर्क नहीं हुआ है। एयर इंडिया के विनिवेश संबंधी एक सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एयर इंडिया ने भारत और विदेशों में बगैर इस्तेमाल वाली अचल परिसम्पत्तियों की बिक्री से 534 करोड़ 65 लाख रुपये और किराये से 314 करोड़ रुपये अर्जित किये हैं। उन्होंने बताया कि 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष के दौरान एयर इंडिया को 7,365 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।