नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए संसद में पिछले सप्ताह पेश बजट में हर क्षेत्र को महत्व दिया गया है तथा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आँकड़े को लेकर विपक्ष की आशंकाएँ निर्मूल हैं। बजट पर लोकसभा में तीन दिन में करीब 16 घंटे तक हुई चर्चा में बजट भाषण में आँकड़े नहीं दिये जाने को लेकर विपक्ष द्वारा निशाना बनाये जाने के बाद सीतारमण ने अपने जवाब को आँकड़ों पर केंद्रित रखते हुये बुधवार को कहा कि बजट में दिया गया हर आँकड़ा विश्वसनीय है। उन्होंने कहा,‘‘ बजट में उल्लिखित आँकड़ों को लेकर कयासबाजी की आवश्यकता नहीं है। हर आँकड़ा विश्वसनीय है। सरकार परिवर्तनकारी बदलावों में विश्वास रखती है। बजट में हर क्षेत्र को महत्त्व दिया गया है।’’
मंत्री के जवाब के साथ ही बजट पारित करने की प्रक्रिया का पहला चरण पूरा हो गया है। जवाब के दौरान वित्त मंत्री द्वारा खुद को ‘टीचर’ की उपमा दिये जाने और महँगाई पर पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार पर निशाना साधने पर कांग्रेस, तृणमूल तथा कुछ अन्य विपक्षी दलों ने सदन में हँगामा और बाद में बहिर्गमन भी किया। सीतारमण ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी), मनरेगा, अनुसूचित जाति/जनजाति, महिलाओं, बच्चों, पूर्वोत्तर के राज्यों तथा सब्सिडी के लिए बजट में किये गये प्रावधानों का बचाव किया तथा बताया कि इनके लिए आवंटन बढ़ाये गये हैं; हालाँकि उन्होंने अधिकतर मामले में 2018-19 के बजट के मूल प्रावधान से 2019-20 के मूल प्रावधान की तुलना की तथा कुछ ही मामलों में 2018-19 के संशोधित अनुमान से तुलना की।
बजट और बजट से एक दिन पहले संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण में जीडीपी आँकड़ों को लेकर विसंगति के बारे में उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि आर्थिक सर्वेक्षण में जीडीपी के मई में जारी पूर्वानुमान को आधार बनाया गया है जबकि बजट के लिए 07 जनवरी को जारी पहले अग्रिम अनुमान को आधार बनाया गया है। दोनों ही वित्त वर्ष 2019-20 में नॉमिनल जीडीपी 211,00,607 करोड़ रुपये होने का अनुमान व्यक्त किया गया है। उन्होंने बजट भाषण में कृषि क्षेत्र का उल्लेख नहीं होने के विपक्षी सदस्यों के आरोपों को गलत बताते हुये कहा कि उनके भाषण में यदि किसी एक क्षेत्र का सबसे ज्यादा उल्लेख हुआ है तो वह कृषि क्षेत्र है।