मुंबई। मोदी सरकार एक वर्ष में 10 लाख रुपये नकद निकालने वालों पर कर लगाने की तैयारी में है। यह कदम कागजी मुद्रा के उपयोग को कम करने के लिए उठाया जा सकता है। पीएम नरेंद्र मोदी डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने की बात करते आये हैं। इस कदम का लक्ष्य भी डिजिटल भुगतान के उपयोग को बढ़ावा देने का ही है।
आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य करने से ऊंची रकम निकासी वाले लोगों की पहचान और उनके टैक्स रिटर्न का मिलान करना आसान हो जाएगा। सरकार का मानना है कि अधिकांश व्यक्तियों और व्यवसायों को 10 लाख रुपये से अधिक की वार्षिक नकदी निकासी की आवश्यकता नहीं पड़ती है। बहरहाल इस प्लान को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है। सरकार ऐसा कुछ नहीं करना चाहती है, जिससे कि मध्य वर्ग और गरीबों पर किसी प्रकार का कानूनी बोझ बढ़े।
कुछ साल पहले सरकार ने बिजनसेज के लिए डिजिटल या चेक पेमेंट को अनिवार्य कर दिया था, ताकि व्यवसाय के खर्चों के लाभ का दावा किया जा सके।