संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए भारत की वृद्धि दर 0.6 प्रतिशत घटा कर सात प्रतिशत कर दिया है। इसके बावजूद यह दुनिया की सर्वाधिक वृद्धि दर वाली अर्थव्यवस्था बनी हुई है। 'विश्व आर्थिक स्थिति और संभावना' रपट पर अर्धवार्षिक अपडेट जारी करने के मौके पर वैश्विक आर्थिक निगरानी की प्रमुख डॉन हॉलैंड ने कहा कि संभावित मंदी के बावजूद "मैं यह रेखांकित करना चाहूंगी कि सभी देशों में खासकर वृहत अर्थव्यवस्थाओं में भारत शीर्ष देशों में शामिल है।
उन्होंने कहा, "2.7 प्रतिशत की वैश्विक वृद्धि दर की तुलना में, निश्चित ही यह विश्व में वृद्धि का एक अत्यधिक उच्च दर है। हम अभी भी 2019 में सात प्रतिशत और 2020 में 7.1 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगा रहे हैं।" संयुक्त राष्ट्र का यह अनुमान पिछले महीने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और एशियाई विकास बैंक के अनुमान से कम है। आईएमएफ ने जनवरी में भारत के विकास दर अनुमान 7.5 प्रतिशत में 0.2 प्रतिशत की कटौती कर दी थी, जिससे यह 7.3 प्रतिशत हो गया था। वहीं इसने अगले वर्ष के लिए 7.5 प्रतिशत का अनुमान लगाया था, जोकि पहले के 7.7 प्रतिशत के अनुमान से कम है।