मुंबई। वित्तीय संकट के कारण फिलहाल ठप पड़ी विमान सेवा कंपनी जेट एयरवेज के प्रबंधन ने गुरुवार को कहा कि वह दूसरी एयरलाइन में नौकरी पाने में अपने पायलटों की मदद करेगा और इसके लिए उनसे सीधे संवाद करेगा। कंपनी प्रबंधन और पायलटों की आज यहाँ हुई एक बैठक में यह फैसला किया गया। बैठक की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि बैठक में कंपनी के दुबारा परिचालन शुरू करने की स्थिति में विमानों की अनुमानित संख्या और उसके जरूरी पायलटों की संख्या पर विचार किया गया।
अनुमान के अनुसार, मार्च 2020 तक कंपनी के पास छह से सात बोइंग-777 विमान, करीब 55 बोइंग-737 विमान और तीन या उससे भी कम एयरबस 330 विमान होंगे। उसके लिए कंपनी को 850 पायलटों की जरूरत होगी। उल्लेखनीय है कि इस साल के आरंभ में कंपनी के पास लगभग 1,500 पायलट थे, लेकिन जनवरी से वेतन नहीं मिलने के कारण 500 पायलट पहले ही नौकरी छोड़ चुके हैं। बैठक में प्रबंधन ने कहा कि उसे पायलटों की संख्या डेढ़ सौ और घटानी होगी।
इसके लिए प्रबंधन सीधे दूसरी विमान सेवा कंपनियों के प्रबंधनों से बात करेगा। इस बैठक में जेट एयरवेज के मुख्य लोक अधिकारी राहुल तनेजा, उपमहाप्रबंधक (मानव संसाधन) श्रीकांत भागवत तथा पायलटों के संगठन नेशनल एविएटर्स गिल्ड के सदस्य भी मौजूद थे। प्रबंधन ने पायलटों को अल्पावकाश पर दूसरी विमान सेवा कंपनियों में नौकरी के लिए छोड़ने के विकल्प पर विचार किया और श्री तनेजा ने भरोसा दिलाया कि इसमें कंपनी पायलटों की मदद करेगी। इसके लिए छह सदस्यों के एक नियुक्ति दल का भी गठन किया गया है।