नई दिल्ली। रबड़ स्किल डेवलपमेंट परिषद (आरएसडीसी) द्वारा टायर फिटिंग क्षेत्र में कौशल प्रशिक्षण के लिए शुरू की गयी समर्थ परियोजना को टायर सेफ्टी पार्टनर पुरस्कार से नवाजा गया है। (आरएसडीसी) द्वारा टायर फिटिंग क्षेत्र में कौशल प्रशिक्षण के लिए शुरू की गयी समर्थ परियोजना को टायर सेफ्टी पार्टनर पुरस्कार से नवाजा गया है। आरएसडीसी ने गुरूवार को यहां जारी बयान में कहा कि समर्थ परियोजना को काफी सराहना मिली है और लगातार यह अपनी पहुंच बढ़ा रहा है। इस योजना को ऑटोमोटिव टायर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (आटमा) ने सराहनीय प्रयास बताते हुए ‘टायर सेफ्टी पार्टनर’ पुरस्कार से सम्मानित किया है।
उसने कहा कि टायर फिटरों की कुशलता को बढ़ाने और उन्हें प्रमाणपत्र प्रदान करने के लिए नवीनतम उपकरणों तथा विशेषज्ञों से लैस मोबाइल टायर सर्विस स्किल्स वैन को उतारा गया है। यह स्किल वैन विभिन्न राज्यों के राजमार्गों, गांवों और कस्बों में जाकर टायर सर्विस और मैटेनेंस के क्षेत्र में कौशल विकास की जरूरत को लेकर जागरूकता फैलाते हुए लोगों को सड़क सुरक्षा के लिए प्रोत्साहित कर रही है। समर्थ परियोजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और ओडिशा में 12,000 टायर फिटरों का कौशल विकास किया जा रहा है।
आरएसडीसी के अध्यक्ष विनोद साइमन ने कहा कि टायर सर्विसेज एवं मैंटेनेंस के क्षेत्र में कौशल विकास की बहुत जरूरत है। सड़क परिवहन को सुगम तथा सुरक्षित बनाने में बड़ी भूमिका निभाने वाला यह क्षेत्र अभी व्यापक तौर पर असंगठित है। इसलिए इस प्रशिक्षण अभियान में आरएसडीसी टायर सर्विसेज को प्राथमिकता में रख रहा है। आवश्यक उपकरणों के साथ सुसज्जित और कुशल कर्मियों द्वारा संचालित मोबाइल वैन टायर फिटर को प्रशिक्षित करने के साथ ही उनके कौशल का आकलन कर प्रमाणित भी करता है।