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जहाजरानी उद्योग के लिए पूंजी जुटा रही है सरकार

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 9 2019 3:31PM | Updated Date: May 9 2019 3:32PM
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नई दिल्ली। सरकार ने विदेश व्यापार के लिए जहाजरानी उद्योग को महत्वपूर्ण करार देते हुए कहा है कि  इसके लिए पूंजी की व्यवस्था की व्यवस्था की जा रही है जिससे बंदरगाहों पर बुनियादी ढांचा विकसित किया जा सके। वाणिज्य मंत्रालय के विशेष सचिव  (मालवहन) एन. शिवसैलम ने बहस्पतिवार को यहां ‘राष्ट्रीय नौवहन सम्मेलन 2019’ को संबोधित करते हुए कहा कि जहाजरानी उद्योग से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए जहाजरानी मंत्रालय और भारतीय बंदरगाह संघ के साथ विचार-विमर्श किया जा रहा है।

बंदरगाहों पर शुल्क वसूलने तथा बुनियादी ढ़ांचा विकसित करने का भी महत्वपूर्ण मुद्दा  है जिससे पर चर्चा की जा रही है। इससे आयात-निर्यात को प्रतिस्पर्धी बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बंदरगाहों पर शुल्क वसूली का असर आयात-निर्यात पर पड़ता है लेकिन जहाजरानी उद्योग के लिए पूंजी की व्यवस्था भी जरूरी है जिससे गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढ़ांचा निर्मित किया जा सके। उन्होेंने कहा कि एक्जिम बैंक ने जहाजरानी उद्योग के लिए एक कोष निर्मित शुरू किया है जिसमें सात से 10 वर्ष के लिए ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।

जहाजरानी उद्योग ने हालांकि 30 से 40 वर्ष के लिए ऋण उपलब्ध कराने की मांग की है। विशेष सचिव ने कहा कि जहाजरानी उद्योग को सस्ती पूंजी उपलब्ध कराने के प्रयास हो रहे हैं। शिवसैलम ने कहा कि व्यापार सुगमता से जुड़े अंतरराष्ट्रीय मुद्दों को सक्रियता के साथ सुलझाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संबंधित कारोबारियों को बेझिझक अपनी समस्यायें सरकार के सामने रखनी चाहिए जिससे उनका उचित निपटारा हो सके। कार्यक्रम में मौजूद सागरमाला विकास कंपनी लिमिटेड दिलीप कुमार गुप्ता ने कहा कि सागरमाला परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है। एक तिहाई परियोजनायें पूरी हो चुकी हैं और बाकी वर्ष 2020 तक पूरी हो जाएंगीं। 

 
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