मुंबई। चिकन खाने के शौकीनों को थोड़ी ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ सकती है। दरअसल मुर्गी पालन कारोबार जल्दी ही पशुओं के प्रति क्रूरता रोकथाम अधिनियम के तहत आएगा। मुर्गी पालन को रेग्यूलेट करने के लिए सरकार ने इस पर ड्राफ्ट नियम जारी किए है। इन नियमों पर सभी स्टेकहोल्डर्स से 1 महीने में अपने सुझाव देने को कहा है।
राज्यों को अपने यहां 31 दिसंबर तक नियम नोटिफाई करने होंगे। बता दें कि सरकार द्वारा 1 जनवरी 2020 से नया नियम लागू किया जाएगा। इसके तहत सभी मुर्गी पालकों को रजिस्ट्रेशन करना जरूरी होगा। एक बार में 5 साल के लिए रजिस्ट्रेशन होगा। वहीं नियम तोड़ने पर पशु क्रूरता नियम के तहत जुर्माना लगाया जाएगा।
नियमों के अनुसार, मुर्गी पालन का रजिस्ट्रेशन के वक्त फार्म की पूरी जानकारी देनी होगी। समय-समय पर सरकार फार्म का निरीक्षण करेगी। इसके बाद से 6-8 मुर्गियों के लिए 550 स्क्वायर सेंटीमीटर जगह रखनी होगी। इतना ही नहीं पशुओं के डॉक्टर का इंतजाम रखना होगा और एंटीबॉयोटिक्स पशु डॉक्टर की सलाह पर देने होंगे।
मुर्गी पालक को इसका रिकार्ड भी रखना होगा। इन नियमों का पालन नहीं करने पर पशुओं के प्रति क्रूरता रोकथाम अधिनियम के तहत जुर्माना भी लगेगा। इन सबका पालन करने से अंडा, मुर्गी पालान का कारोबार मंहगा हो सकता है। बता दें कि भारत अंडा उत्पादन में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। हर साल करीब 880 करोड़ अंडों का उत्पादन होता है जबकि 42 लाख टन बॉयलर मुर्गी के मीट का उत्पादन होता है।