नई दिल्ली। फ्रांस ने कहा कि उद्योगपति अनिल अंबानी की फ्रांस स्थित कंपनी रिलायंस फ्लैग के 2008-2012 की अवधि के दौरान कर से संबंधित मसलों का समाधान पूरी तरह कानूनी और विनियामक तौर-तरीकों से किया गया है। फ्रांस ने अनिल अंबानी पर लगा टैक्स 1,123 करोड़ रुपये का कर्ज भी माफ कर दिया है।
फ्रांस ने इस बात पर जोर दिया कि मसले के समाधान में किसी प्रकार का राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं था। भारत में फ्रांस के राजदूत अलेक्जेंडर जिगलर ने ट्वीट के जरिए कहा, "वर्ष 2008-2012 की अवधि से जुड़े कर संबंधी विवाद में फ्रांस के कर प्राधिकरणों और टेलीकॉम कंपनी रिलायंस फ्लैग के बीच वैश्विक समाधान किया गया।
उन्होंने दूसरे ट्वीट में कहा - यह समाधन पूरी तरह विधायी और विनियामक रूपरेखा के तहत किया गया, जोकि कर प्रशासन के समान्य कार्य को नियंत्रित करता है।" फ्रांस के राजदूत का यह बयान मीडिया की एक रिपोर्ट के आलोक में आया है, जिसमें दावा किया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2015 में फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के फैसले की घोषणा करने के कुछ ही महीने बाद फ्रांस के प्राधिकरणों ने कंपनी के 14.37 करोड़ यूरों के कर्ज को माफ कर दिया।
मुद्रा विनिमय की मौजूदा दर के मुताबिक, माफ किए गए कर की राशि करीब 1,123 करोड़ रुपए है। रिलायंस फ्लैग के पास फ्रांस में एक टेरेस्ट्रीयल केबल नेटवर्क और दूरसंचार संबंधी अन्य आधारभूत ढांचे के कारोबार का स्वामित्व है। फ्रांसीसी अखबार के इस खुलासे के बाद कांग्रेस ने राफेल करार को लेकर मोदी सरकार पर अपना हमला तेज कर दिया। पार्टी ने आरोप लगाया कि मोदी के 'आशीर्वाद' के कारण रिलायंस को कर माफी मिली और उन्होंने अंबानी के लिए 'बिचौलिये' का काम किया।