नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी कंपनी वीडियोकॉन दिवालिया घोषित होने की कगार पर है। जानकारी के अनुसार कंपनी पर 90 हजार करोड़ रूपए का बकाया है। कंपनी के दिवालिया घोषित होने को लेकर बैंकों के 90 हजार करोड़ रुपए भी डूबने के आसार है।
वीडियोकॉन समूह के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत ने कहा है कि पिछले साल कर्ज लौटाने में डिफॉल्ट के बाद एसबीआई ने एनसीएलटी में याचिका दी थी। दिवालिया कानून के नियमों के मुताबिक कंपनी के बोर्ड को निलंबित कर दिया गया है। रोज के कामकाज के लिए रिजोल्यूशन प्रोफेशनल की नियुक्ति की गई है। समूह की इस घोषणा के बाद से 54 बैंकों की बैलेंस शीट पर असर पड़ने की संभावना है। समूह की दो कंपनियां वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड (वीआईएल) और वीडियोकॉन टेलीकम्यूनिकेशन लिमिटेड (वीटीएल) कर्ज के बोझ तले दबी हैं।
वीआईएल पर 59,451.87 करोड़ रुपये और वीटीएल पर 26,673.81 करोड़ रुपये का कर्ज है। वीआईएल के 54 कर्जदाताओं में से 34 बैंक हैं।
इन बैंकों में से वीआईएल पर सबसे ज्यादा बकाया एसबीआई का है। एसबीआई का करीब 11,175.25 करोड़ रुपये बकाया है। वीटीएल पर एसबीआई का करीब 4,605.15 करोड़ रुपये बकाया है। बैंक के कर्ज के अलावा 731 सप्लायर्स (ऑपरेशनल क्रेडिटर्स) की राशि भी इन कंपनियों पर बकाया है। जानकारी के मुताबिक सप्लायर्स के करीब 3,111 करोड़ 79 लाख 71 हजार 29 रुपये वीआईएल पर बकाया हैं। वहीं वीटीएल पर सप्लायर्स के करीब 1266 करोड़ 99 लाख 78 हजार 507 रुपये बाकी हैं।