नई दिल्ली। वित्तीय संकट से जूझ रही निजी विमान सेवा कंपनी जेट एयरवेज की हिस्सेदारी बेचने के लिए उसे ऋण देने वाले बैंक छह अप्रैल को निविदा जारी करेंगे। भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले बैंकों के कंसोर्टियम ने गुरुवार को एक बयान में बताया कि इस संबंध में आज उनकी बैठक हुई जिसमें परिस्थिति का जायजा लिया गया। बैठक में तय किया गया कि बैंकों के नेतृत्व में समाधान योजना के तहत कंपनी के शेयर चरणबद्ध तरीके से तय समय सीमा के अंदर बेचे जाएंगे। अभिरूचि पत्र छह अप्रैल को आमंत्रित किये जाएंगे तथा नौ अप्रैल को अभिरूचि पत्र दाखिल करने की अंतिम तारीख होगी।
इस दौरान अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जाएगा। इससे पहले 25 मार्च को जेट एयरवेज के निदेशक मंडल ने कंसोर्टियम के निर्देश पर ऋणदाता बैंकों को बकाया ऋण के बदले 11 करोड़ 40 लाख इक्विटी शेयर जारी करने की मंजूरी दी थी। इसके बाद अब कंपनी की नियंत्रक हिस्सेदारी बैंकों के पास है। कंसोर्टियम ने अंतरिम प्रबंधन समिति का गठन किया है जो एयरलाइंस का परिचालन तथा अपनी हिस्सेदारी बेचकर ऋण वसूली की प्रक्रिया पूरी करने की जिम्मेदारी निभा रही है। कंपनी की परिसंपत्तियों के बदले कंसोर्टियम ने उसे तत्काल एक हजार 500 करोड़ रुपये जारी करने का भी फैसला किया है।
कंपनी के संस्थापक नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनिता गोयल ने तत्काल प्रभाव से जेट एयरवेज के निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया था। पिछले कैलेंडर वर्ष की चार तिमाहियों में लगातार नुकसान उठाने वाली कंपनी भारतीय तथा विदेशी ऋणदाताओं को कर्ज की किस्त का भुगतान नहीं कर पा रही है। विमानों के पट्टे का किराया नहीं देने के कारण पट्टेदारों ने उसके करीब 60 विमान खड़े कर दिये हैं और इस समय कंपनी के विमानों का बेड़ा घटकर 26 रह गया है। वह कर्मचारियों के वेतन का भी पूरा भुगतान नहीं कर पा रही है।