मुंबई। वित्तीय संकट से उबरने की कोशिश कर रही विमानन कंपनी जेट एयरवेज की मुसीबतें रविवार को कुछ कम हुईं। कंपनी के पायलटों के संगठन नेशनल एविएटर्स गिल्ड ने विमान नहीं उड़ाने के अपने आह्वान को 15 अप्रैल तक टाल दिया। गिल्ड के अध्यक्ष करण चोपड़ा ने संवाददाताओं को बताया कि सदस्यों ने दिल्ली और मुंबई में हुई एक खुली बैठक में यह निर्णय लिया।
उन्होंने कहा कि यह बैठक करीब चार घंटे चली। गिल्ड कंपनी के कुल 1,600 पायलटों में से करीब 1,100 पायलटों के प्रतिनिधित्व का दावा करता है। गिल्ड ने कहा था कि पायलटों के बकाये वेतन का भुगतान नहीं होने तथा 31 मार्च तक वित्तपोषण को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं होने पर सदस्य पायलट एक अप्रैल से उड़ान नहीं भरेंगे।
चोपड़ा ने कहा, प्रबंधन ने हमारा वेतन (दिसंबर का) भुगतान कर सकारात्मक संकेत दिया है और हमने सोचा कि उन्हें मामला सुलझाने, अंतरिम बोर्ड गठित करने तथा हमारी आपत्तियों को दूर करने के लिये कुछ सप्ताह का समय देना चाहिये। इसी कारण मुंबई और दिल्ली में पायलटों द्वारा एक अप्रैल से उड़ान से दूर रहने के निर्णय को सामूहिक तौर पर 15 अप्रैल तक टालने की सहमति बनी ताकि दो सप्ताह में कुछ सकारात्मक सामने आ सके।
गिल्ड ने जेट एयरवेज को बनाये रखने के लिये सरकार से 21 मार्च को दखल देने की अपील की थी। इसके बाद भारतीय स्टेट बैंक ने कहा था कि दो सप्ताह तक परिचालन बहाल रखने के लिये बैंक 1,500 करोड़ रुपये लगाएंगे। जेट एयरवेज के बोर्ड ने पिछले सोमवार को भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के समूह की समाधान योजना को मंजूरी दे दी थी।