नई दिल्ली। देश के 501 चीनी मिलों ने गत साल कुल 110.52 लाख टन चीनी का उत्पादन किया जबकि वर्ष 2017 में 505 चीनी मिलों ने 103.56 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। इस्मा द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र और कर्नाटक के चीनी मिलों ने वर्ष 2018 में पेराई जल्द ही शुरू कर दी थी जिससे उत्पादन 6.96 लाख टन अधिक हुआ है। हालांकि, कम बारिश और कीड़ों से हुये नुकसान के कारण इस साल महाराष्ट्र में अपेक्षाकृत कम चीनी उत्पादित होगी। कुल मिलाकर चालू चीनी सत्र में पिछले सत्र की तुलना में कम चीनी उत्पादित होगी। 31 दिसंबर 2018 तक उत्तर प्रदेश में 117 चीनी मिलों में काम जारी रहा जिन्होंने लगभग 286 लाख टन गन्ने की पेराई की और 31 लाख टन चीनी उत्पादित की। वर्ष 2017-18 के चीनी सत्र के दौरान,116 चीनी मिलों ने 31 दिसंबर 2017 को करीब 328 लाख टन गन्ने की पेराई की और 33.3 लाख टन चीनी उत्पादित की।
महाराष्ट्र के 184 चीनी मिलों ने 31 दिसंबर 2018 तक 43.98 लाख टन चीनी उत्पादित की जबकि इससे पिछले साल 183 चीनी मिलों ने 38.39 लाख टन चीनी उत्पादित की थी। इस अवधि में कर्नाटक के 63 चीनी मिलों ने 20.45 लाख टन चीनी उत्पादित की जबकि 31 दिसंबर 2017 तक 63 चीनी मिलों ने 16.83 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था।
चीनी सत्र 2018-19 के दौरान 31 दिसंबर 2018 तक गुजरात के 16 चीनी मिलों ने 4.3 लाख टन चीनी का उत्पादन किया जबकि चीनी सत्र 2017-18 के दौरान 31 दिसंबर 2017 तक 17 चीनी मिलों ने 3.77 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था।इस दौरान आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के 23 चीनी मिलों ने 2.15 लाख टन चीनी का उतपादन किया जबकि इससे पिछले सत्र में 25 चीनी मिलों ने 2.10 लाख टन चीनी उत्पादित की। तमिलनाडु के 27 चीनी मिलों ने गत साल 31 दिसंबर तक 1.40 लाख टन चीनी उत्पादन की जबकि 31 दिसंबर 2017 तक 27 चीनी मिलों ने 0.96 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था।
बिहार के चीनी मिलों ने 31 दिसंबर 2018 तक 2.30 लाख टन, हरियााणा के चीनी मिलों ने 1.60 लाख टन, पंजाब के चीनी मिलों ने 1.20 लाख टन, उत्तराखंड के चीनी मिलों ने 0.87 लाख टन और मध्य प्रदेश के चीनी मिलों ने 1.20 लाख टन चीनी उत्पादित की।