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मार्च तक सरकारी बैंकों में होगा 83 हजार करोड़ का निवेश : अरुण जेटली

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 21 2018 12:02PM | Updated Date: Dec 21 2018 12:02PM
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नई दिल्ली। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुन:पूंजीकरण के लिए निर्धारित राशि 65 हजार  करोड़ रुपए से बढ़ाकर एक लाख छह हजार करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव किया है और इसके लिए चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि में प्रतिभूतियों से 41 हजार करोड़ रुपए जुटाए जाएंगे। कुल मिलाकर मार्च 2019 तक बैंकों में 83 हजार करोड़ रुपए निवेश किए जाएंगे। 
 
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को लोकसभा में अनुदानों की पूरक मांगे पेश करने के बाद कहा कि इसमें 41 हजार करोड़ रुपए सरकारी प्रतिभूतियों के जरिए जुटाने का प्रस्ताव किया गया है जो सरकारी बैंकों के पुन: पूंजीकरण के लिए है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में 65 हजार करोड़ रुपए इन बैंकों में लगाने की योजना थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 1,06,000 करोड़ रुपए कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इंद्रधनुष योजना के तहत बैंकों में तीन साल में 70 हजार करोड़ रुपए निवेश करने की योजना थी।
 
अब तक 52 हजार करोड़ रुपए निवेश किए जा चुके हैं और 18 हजार करोड़ रुपए निवेश करना शेष है। इसके साथ ही बैंकों को नियामक वैधानिकता पूरी करने के लिए दो लाख 11 हजार करोड़ रुपए लगाना था।  इनमें से बैंकों ने एक लाख 35 हजार करोड़ रुपए जुटाए हैं। शेष में से कुछ राशि जुटाने की प्रक्रिया जारी है, जबकि 42 हजार करोड़ रुपए जुटाए जाने शेष हैं। सरकारी प्रतिभूति से 41 हजार करोड़ रुपए जुटाए जाएंगे। इस तरह इन बैंकों में मार्च 2019 तक 83 हजार करोड़ रुपए का निवेश होगा जिससे बैंकों की ऋण देने की क्षमता बढ़ेगी और कुछ बैंकों को पीसीए से बाहर निकलने में भी मदद होगी।
 
जेटली ने कहा कि बैंकों के एनपीए वसूली में भारी बढ़ोतरी हुई है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 60,726 करोड़ रुपए की वसूली हुयी है जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि  के 29,302 करोड़ रुपए की तुलना में दोगुने से भी अधिक है। उन्होंने कहा कि एनपीए से निपटने के लिए बैंकों से अधिक प्रावधान किए थे, लेकिन अब इसमें कमी आने लगी है। वित्तीय मामलों के सचिव राजीव कुमार ने कहा कि अभी भारतीय स्टेट बैंक, बैंक आॅफ बडौदा, इंडियन बैंक और विजया बैंक को पूंजी देने की जरूरत है। जो बैंक रिजर्व बैंक के प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (पीसीए) में शामिल हैं या पीसीए के दायरे में आने के कगार पर हैं उन्हें पूंजी दी जाएगी। इसके लिए कुछ मानक तय किए गए हैं और उसी के अनुरूप निवेश किया जाएगा। 
 
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