नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र और असम की भाजपा सरकारों पर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर(एनआरसी) के नाम पर असम से बंगालियों को बाहर निकालने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। बनर्जी ने बुधवार को यहां आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम में कहा - केंद्र और असम सरकार एनआरसी के नाम पर राज्य से बंगालियों को भगाने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने वास्तविक मतदाता सूची बनाने के बहाने एनआरसी की सूची में 40 लाख लोगों को छोड़ दिया है। उन्होंने मीडिया की खबरों का हवाला देते हुए कहा कि हाल में असम में एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली। उसका नाम एनआरसी में नहीं था लेकिन उसकी पत्नी और बच्चों के नाम शामिल थे।
मुख्यमंत्री ने कहा - भाजपा असम से बंगालियों को और गुजरात से बिहारियों को निकालने की कोशिश कर रही है। भाजपा यह सब करते हुए बड़े दावा करती है। दोनों काम एक साथ नहीं चल सकते।" उन्होंने कहा कि चाहे असम हो या बिहार, बंगाल उन सभी लोगों की मदद करेगा जो इसका शिकार हुए हैं। उन्होंने विमुद्रीकरण और जीएसटी लागू करने जैसी जन विरोधी नीतियों के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
मुख्यमंत्री ने कहा - जो लोग हिंदू और मुस्लिम के बीच मतभेद पैदा कर रहे हैं, विभिन्न जातियों के बीच अलगाव कर रहे हैं, मैं उन्हें चेतावनी देती हूं कि लोगों को शांतिपूर्वक रहने दें। सभी इंसान हैं। लोगों को बांटने की कोशिश करके सांप्रदायिक माहौल मत बनाइये। बंगाल इस तरह की गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा,"बाढ़ और भारी बारिश जैसी प्राकृतिक आपदाओं के लिए केंद्र सरकार बंगाल को कोई आर्थिक मुआवजा नहीं देती है।
उन्होंने कहा - केंद्र ,राज्य को फंड देकर कोई उपकार नहीं कर रहा है, यह राज्य से इकत्र किया गया है। अगर केंद्र ,बंगाल से कोई कर नहीं लेता तो हमारे पास और भी विकास परियोजनाएं हो सकती थीं।" सुश्री बनर्जी ने भाजपा शासित राज्यों में हाल में हुई हिंसक घटनाओं पर कहा कि ंिलंिचग के अन्य राज्यों में पहुंचने का खतरा है। उन्होंने मीडिया से तथ्यों को पेश करने की अपील की और कहा कि कुछ मीडिया हाउस भाजपा के हाथों बिक चुके हैं और लोगों उन्हें नकार दिया है।