तोक्यो। मोदी 13वें भारत- जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए शनिवार की शाम यामानशी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जापानी समकक्ष शिंजो आबे के साथ एक्सप्रेस ट्रेन कैजी की सवारी की। दोनों ने यामानशी स्थित औद्योगिक रोबोट विनिर्माता कंपनी फानुक का कारखाना देखने गए थे और वापसी में ट्रेन से सफर किया। यामानशी तोक्यो से करीब 110 किलोमीटर की दूरी पर है। इससे पहले दिन में मोदी के होटल माउंट फूजी पहुंचने पर आबे ने उनका स्वागत किया। दोनों नेता बाग में साथ-साथ घूमते भी दिखे।
तोहफे में दीं दरियां और प्रस्तर पात्र
पीएम मोदी ने अपने जापानी समकक्ष शिंजो आबे को कलात्मक दरियां और प्रस्तर के दो हस्तनिर्मित कटोरेनुमा पात्र उपहारस्वरूप भेंट किए। ये पात्र राजस्थान से प्राप्त गुलाबी एवं पीत वर्णी स्फटिक के हैं। एक अधिकारी ने बताया कि मोदी ने उन्हें परंपरागत पच्चीकारी वाला लकड़ी का जोधपुरी संदूकचा भी भेंट किया है। ये उपहार दो दिवसीय वार्षिक भारत-जापान शिखर सम्मेलन में भाग लेने के अवसर के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए हैं।
शिंजो आबे ने पीएम मोदी को अपने सबसे भरोसेमंद दोस्तों में से एक बताया है। पीएम मोदी के जापान दौरे के दौरान एक न्यूजपेपर को दिए गए मेसेज में आबे ने कहा कि भारत एक वैश्विक शक्ति के रूप में क्षेत्र और दुनिया की समृद्धि के रास्ते पर लेकर चल रहा है। आबे ने कहा कि वह स्वतंत्र और ओपन हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने की दिशा में काम करने को इच्छुक हैं। आबे ने कहा कि जिस दिन मुंबई और अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन दौड़ेगी वह दिन भारत-जापान की दोस्ती का चमकता हुआ संकेत होगा।
आज होगी शिखर बैठक
सोमवार को दोनों नेता तोक्यो में औपचारिक शिखर बैठक करेंगे। उनकी इस बैठक के एजेंडा में द्विपक्षीय सुरक्षा और आर्थिक सहयोग को मजबूत करना शामिल है। नई दिल्ली से जापान यात्रा के लिए रवाना होने से पहले मोदी ने भारत और जापान को आपसी लाभ वाला गठजोड़ बताया था। उन्होंने कहा था कि आर्थिक और प्रौद्योगिकी की दृष्टि से आधुनिकीकरण में भारत के लिए जापान सबसे भरोसेमंद भागीदार है। यह मोदी की आबे के साथ 12वीं बैठक है। प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी की आबे के साथ सबसे पहली बैठक सितंबर, 2014 में हुई थी।