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केंद्र सरकार का बड़ा फैसला - प्रदूषण फैलाने वालों पर दर्ज होगा क्रिमिनल केस

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 28 2018 12:42PM | Updated Date: Oct 28 2018 12:43PM
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नई दिल्ली। भारत में प्रदूषण दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है, धुएं के चैंबर में दिल्ली-एनसीआर सहित कई इलाके है। वहीं प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने कड़ा फैसला किया है। अब पॉल्यूशन फैलाने वालों पर क्रिमिनल केस किया जाएगा। पल्यूशन को लेकर निर्देशों का पालन न कराने वाली सरकारी एजेंसियों और पलूशन फैलाने वालों पर आपराधिक केस करने का फैसला किया है।
 
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने दिल्ली-एनसीआर में पलूशन रोकने के उपाय करने के लिए बनाई गई टीमों की बैठक के बाद यह फैसला लिया है। बैठक में बताया गया कि ज्यादातर एजेंसियां पलूशन पर लगाम लगाने के उपायों पर गंभीरता से अमल नहीं कर रही हैं। इसके कारण समस्या गंभीर हो रही है। ये टीमें दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुड़गांव और फरीदाबाद में तैनात की गई हैं।
 
पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि हालात ठीक नहीं हैं। सभी संबद्ध एजेंसियों को संजीदगी से काम करना होगा। उन्होंने कहा कि अब 41 की बजाय केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की 50 टीमें हर शहर पर नजर रखेंगी और नियमों का पालन न कराने वाली एजेंसी के खिलाफ भी आपराधिक केस दर्ज करेंगी। 
 
इस बार भी तमाम घोषणाओं के बावजूद ठंड बढ़ने के साथ ही दिल्ली और आसपास के इलाकों में प्रदूषण बढ़ने लगा है। उन्होंने बताया कि ये टीमें हफ्ते में कम से कम पांच दिन हर शहर का औचक निरीक्षण करेंगी और जरूरत पड़ने पर सख्त कार्रवाई करेंगी। इसके तहत पलूशन के हालात दिखने पर पहले रेड वॉर्निंग जारी की जाएगी और अगले दो दिन तक कोई कार्रवाई न होने पर पर्यावरण संरक्षण कानून के तहत आपराधिक केस दर्ज कराया जाएगा। केस सीपीसीबी और राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण विभागों में से कोई भी दर्ज करा सकता है। पल्यूशन कम होने पर वॉर्निग की अवधि बढ़ाई भी जा सकती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में पल्यूशन पर लगाम लगाने के लिए एक हफ्ते का प्रोग्राम चलाया जाएगा। उन्होंने लोगों से इसमें भाग लेने की अपील की। उन्‍होंने बताया कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की शिकायतों में भी कमी आयी है। पंजाब में 2016 में 22259, 2017 में 16265 और 2018 में 7371 शिकायतें दर्ज की गयीं। वहीं हरियाणा में 2016 में 4790, 2017 में 4733 और 2018 में अब तक 3022 शिकायतें दर्ज की गयीं। 
 
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