अमृतसर। अमृतसर ट्रेन हादसे में मृतकों की संख्या 70 हो गई है। 40 शवों की शिनाख्त हो गई है। कई शवों की पहचान अभी भी नहीं हो सकी है। रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने ट्रेन के चालक के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कारवाई से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि दुर्घटना में रेलवे की कोई गलती नहीं थी। हमारी ओर से कोई चूक नहीं थी और ट्रेन चालक के खिलाफ कोई कार्रवाई शुरू नहीं की जाएगी।
लोगों को भविष्य में रेल पटरी के किनारे ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने से परहेज करना चाहिए। उधर, पंजाब और रेलवे पुलिस ने शनिवार को डीएमयू के ड्राइवर को लुधियाना रेलवे स्टेनशन से हिरासत में लिया और शुक्रवार रात को हुई इस घटना के संदर्भ में पूछताछ की। ड्राइवर ने अपने बयान में कहा कि उन्हें ग्रीन सिग्नल दिया गया था और रास्ता साफ था लेकिन उन्हें इस बात का कोई अंदाजा नहीं था कि बड़ी संख्या में लोग रेलवे ट्रैक पर खड़े होंगे। पुलिस ने हादसे को लेकर अज्ञात लोगों पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया है।
राजनीति भी हुई तेज
- घटना के बाद से ही राज्य सरकार और नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर को लेकर जमकर बयानबाजी हुई।
- बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजिंदर मोहन सिंह चिन्ना ने नवजोत कौर के बारे में कहा कि वे झूठ कह रही हैं कि हादसे के वक्त वहां मौजूद नहीं थीं।
- पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल ने दोषियों को दंड़ित करने के लिए घटना की हाई कोर्ट के किसी रिटायर जज से जांच कराने की मांग की।
आयोजक के घर पर तोड़फोड़
हादसे के बाद से दशहरा आयोजक कांग्रेस नेता मिट्ठू मदान और उसकी पार्षद पत्नी गायब है। उनके घर के बाहर पुलिस की तैनाती के बावजूद गुस्साए लोगों ने तोड़फोड़ कर दी। शुक्रवार को भी नाराज लोगों का गुस्सा शिक्षा मंत्री पर भड़का था।
पुलिस ने दी थी मंजूरी
जौड़ा फाटक के पास स्थित धोबी घाट की क्षमता दो हजार लोगों की है, लेकिन पुलिस कमिश्नर एसएस श्रीवास्तव ने मदान परिवार को 20 हजार लोगों की मंजूरी दे दी। पुलिस के अलावा किसी अन्य विभाग से मंजूरी नहीं ली गई। रेलवे के अलावा निगम से भी इसकी मंजूरी नहीं ली गई।