बेंगलुरु। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बेंगलुरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के कर्मचारियों से मुलाकात की। इस मुलाकात में एचएएल के पूर्व और सेवारत कर्मचारी हैं। हालांकि कंपनी ने अपने सेवारत कर्मचारियों को ऐसा करने से रोक दिया है। कंपनी ने अपने कर्मचारियों से साफ कहा कि वे नेताओं से न मिलें, अन्यथा इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
इस मुलाकात में राहुल गांधी ने कहा, 'एचएएल सिर्फ एक कंपनी नहीं है, जब भारत को आजादी मिली, भारत ने विशिष्ट क्षेत्रों में प्रवेश करने के लिए कुछ सामरिक संपत्तियां बनाईं, एचएएल भारत को एयरोस्पेस में ले जाने के लिए रणनीतिक संपत्ति है। इस देश के लिए आपने जो काम किया है वह जबरदस्त है।'
उन्होंने कहा, 'जब मिस्टर ओबामा कहते हैं कि केवल दो देश चीन और भारत ही अमेरिका को चुनौती देने वाले हैं, तो आप (एचएएल) इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। मैं यहां आपसे यह सुनने के लिए आया हूं कि इस रणनीतिक संपत्ति को और अधिक प्रभावी कैसे बनाया जा सकता है और आप जिन कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, उनका समाधान कैसे हो सकता है।'
इस दौरान सेवानिवृत्त एचएएल कर्मचारी ने कहा, 'हमें अपमानित करके छोड़ दिया गया है। 70 साल के अनुभव वाली एचएएल को राफेल समझौते से बाहर फेंक दिया गया है। मुझे समझ नहीं आता। एक बड़ी और अनुभवी कंपनी जिसे सुधारना चाहिए था, आप उसे मार रहे हो।
दरअसल, कांग्रेस का आरोप है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस की सरकार से 36 लड़ाकू विमान खरीदने का जो सौदा किया है उसका मूल्य यूपीए सरकार के समय किए गए सौदे की तुलना में अधिक है। इसकी वजह से सरकारी खजाने को हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। पार्टी का दावा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस सौदे को बदलवाया और ठेका हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से लेकर रिलायंस डिफेंस को दे दिया।