नई दिल्ली। INX मीडिया केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्बरम के पुत्र र्ती चिदम्बरम की लगभग 54 करोड़ रुपये की संपत्तियों और बैंक में जमा राशियों को ज़ब्त कर लिया है। संपत्तियों में नई दिल्ली के जोर बाग, ऊटी और कोडाईकनाल में मौजूद बंगले, UK में स्थित आवास तथा बार्सीलोना में मौजूद एक संपत्ति शामिल हैं। जब्त की संपत्ति में ASCPL के नाम पर रजिस्टर्ड 25 लाख की कृषि योग्य भूमि भी शामिल है।
बता दें कि अभी पिछले दिनों एयरसेल-मैक्सिम केस में पी चिदंबरम और कार्ति को फौरी तौर पर राहत मिली थी, जब उन्हें गिरफ्तारी से दिया गया अंतरिम संरक्षण एक नवंबर तक बढ़ाया गया था। कार्ति ने इस संबंध में ट्वीट कर अपना पक्ष रखा है। सीबीआई चिदम्बरम के वर्ष 2006 में केंद्र में वित्त मंत्री रहने के दौरान एक विदेशी कंपनी में निवेश के लिए विदेशी प्रत्यक्ष संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) द्वारा मंजूरी दिए जाने की जांच कर रही है, जबकि इस मंजूरी का अधिकार केवल आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) को ही था।
यह मामला 3500 करोड़ रुपये की एयरसेल-मैक्सिस सौदे और 305 करोड़ रुपये के आईएनएक्स मीडिया में विदेशी निवेश में चिदम्बरम की भूमिका से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि 2007 में चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान आईएनएक्स मीडिया को विदेश से 305 करोड़ रुपये की रकम दिलाने के लिए विदेशी निवेश से जुड़े एफआईपीबी (फॉरन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड) की मंजूरी दिलाने और इस कंपनी को जांच से बचाने के लिए कार्ति ने 10 लाख रुपये लिए थे।
इस मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन, उनके भाई कलानिधि मारन और अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था। जांच एजेंसी का आरोप है कि चिदम्बरम ने मार्च 2006 में मॉरिशस की ग्लोबल कम्युनिकेशन सर्विसेज होल्डिंग्स लिमिटेड को एफआईपीबी की मंजूरी दी थी। यह मैक्सिस की अनुषंगी कंपनी थी। विशेष अदालत ने इस मामले में सुनवाई के बाद मारन बंधुओं और अन्य को सीबीआई के आरोप से मुक्त कर दिया था। अदालत ने कहा था कि जांच एजेंसी मुकदमा चलाने के लिए आरोपियों के खिलाफ कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाई है।