नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले में एलजीबीटी समुदाय को बड़ी राहत देते हुए होमो सेक्सुआलिटी को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के कुछ ही देर बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी नाराजगी जताई। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर स्वामी ने कहा कि यह अंतिम फैसला नहीं है और इसे बदला भी जा सकता है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला अंतिम फैसला नहीं है। इस फैसले को सात जजों की बेंच बदल भी सकती है।
स्वामी ने कहा कि सहमति से बनाए गए होमो सेक्सुअल संबंधों से सामाजिक बुराइयां बढ़ेंगी। उन्होंने कहा कि इससे सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डीसिज (एसटीडी) में भी इजाफा होगा। इस फैसले पर गुस्साएं स्वामी ने एक बार फिर कहा कि होमो सेक्सुआलिटी एक जेनेटिक डिसऑर्डर है। स्वामी ने कहा कि इस फैसले के बाद देश में एचआईवी के केस में बढ़ोत्तरी नजर आएगी। उन्होंने कहा कि हम इसे बैकल्पिक सेक्सुअल बर्ताव के तौर पर नहीं देख सकते।