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एकसाथ चुनाव में ईवीएम के लिए 4,555 करोड़ रु. की होगा जरूरत

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 4 2018 11:11AM | Updated Date: Sep 4 2018 11:11AM
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नई दिल्ली। विधि आयोग ने कहा है कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के आगामी चुनाव एक साथ कराए जाने पर नए ईवीएम और पेपर ट्रेल मशीनों को खरीदने के लिए 4,500 करोड़ रुपए से अधिक की जरूरत होगी। एक साथ चुनाव कराए जाने पर पिछले सप्ताह जारी अपनी प्रारूप रिपोर्ट में विधि आयोग ने चुनाव आयोग (ईसी) के हवाले से बताया कि 2019 आम चुनावों के लिए लगभग 10,60,000 मतदान केंद्र बनाये जाएंगे।
 
रिपोर्ट में कहा गया है, 'ईसी ने सूचित किया है कि यदि एक साथ चुनाव कराए जाते हैं तो अब तक लगभग 12.9 लाख मतपत्र इकाइयों, 9.4 लाख नियंत्रण इकाइयों और लगभग 12.3 लाख वोटर वेरिफाइड पेपर आॅडिट ट्रेल (वीवीपैट) की कमी है।' इसके अनुसार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन  की जिसमें एक नियंत्रण इकाई, एक मतपत्र इकाई और एक वीवीपैट है, लागत लगभग 33,200 रुपए है। 
 
इसमें कहा गया है, इसलिए 2034 में प्रस्तावित एक साथ चुनाव में ईवीएम की खरीद के लिए 13,981.58 करोड़ रुपए की जरूरत होगी।' रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाते हैं तो प्रत्येक मतदान केन्द्र के लिए अतिरिक्त ईवीएम और अतिरिक्त चुनाव सामग्री के अलावा कोई अतिरिक्त खर्च शामिल नहीं होगा। प्रारूप रिपोर्ट में कहा गया है अतिरिक्त ईवीएम के मद्देनजर बड़ी संख्या में मतदान केंद्रों पर अतिरिक्त कर्मचारियों की जरूरत हो सकती है।
 
चुनाव दर चुनाव बढ़ती जाएगी जरूरत
प्रारूप रिपोर्ट में कहा गया है, 'ईसी ने सूचित किया है कि आगामी चुनाव एक साथ कराए जाने से ईवीएम की खरीद पर लगभग 4,555 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।' विधि आयोग ने कहा कि ईवीएम मशीन 15 साल तक काम कर सकती है। इसी को ध्यान में रखकर 2024 में दूसरी बार एक साथ चुनाव कराये जाने के लिए 1751.17 करोड़ रुपए और 2029 में तीसरी बार एक साथ चुनाव कराए जाने के लिए ईवीएम मशीनों की खरीद पर 2017.93 करोड़ रुपए की जरूरत होगी। 
 

 

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