नई दिल्ली। राफेल मुद्दे पर विपक्ष के अलावा भारतीय जनता पार्टी के अपने साथी भी मोदी सरकार को घेरने में जुटे हैं। पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि संयुक्त संसदीय समिति गठित करने के बजाय, कैग को राफेल सौदे में ‘आपराधिक लापरवाही या मंशा’ सामने लाने के लिए फॉरेंसिक आॅडिट करना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘मैंने सुझाव दिया था कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) को (केन्द्र सरकार की) आपराधिक लापरवाही या मंशा सामने लाने के लिए फॉरेंसिक आडिट करना चाहिए। मैं इस बिन्दु पर इसलिए जोर दे रहा हूं क्योंकि कांग्रेस संयुक्त संसदीय समिति चाहती है।’ जेपीसी के गठन के विरोध के कारण गिनाते हुए सिन्हा ने कहा कि समय के अभाव के कारण राफेल सौदे की ‘गड़बड़ियों’ को सामने लाने का इसका उद्देश्य पूरा नहीं होगा।