नई दिल्ली। भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच के दौरान पुलिस द्वारा बरामद किए गए एक पत्र में नक्सलियों द्वारा पीएम मोदी की हत्या की साजिश का खुलासा हुआ था। इसी मामले की जांच करते हुए पांच महीने में दूसरी बार मंगलवार को पुणे पुलिस ने देशभर के नक्सल समर्थकों के घरों व कार्यालयों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की। सूत्रों के मुताबिक भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में जांच के मद्देनजर छापे के बाद अब तक कवि वरवरा राव, अरुण पेरेरा, गौतम नवलखा, वेरनोन गोन्जाल्विस और सुधा भारद्वाज को गिरफ्तार किया गया है।
सभी आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम ऐक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। भीमा-कोरेगांव में जनवरी महीने में हुई हिंसा में पांच लोगों की गिरफ्तारी के बाद चौंकानेवाला खुलासा हुआ था। पुणे पुलिस को एक आरोपी के घर से ऐसा पत्र मिला था, जिसमें राजीव गांधी की हत्या जैसी प्लानिंग का ही जिक्र किया गया था। इस पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने की बात भी कही गई थी।
कई दस्तावेज जब्त किए
करीब पांच महीने बाद पुणे पुलिस की टीमों ने करीब आधा दर्जन राज्यों में कई लोगों के घरों और कार्यालयों पर छापेमारी की। इन लोगों पर यलगार परिषद के साथ संबंध रखने और नक्सल समर्थक होने का संदेह है। पुलिस ने उनके पास से कंप्यूटर, लैपटॉप, सीडी, दस्तावेज और किताबें जब्त की हैं और दावा किया है कि यह सभी नक्सलियों के लिए शहरी थिंक टैंक के रूप में कार्य कर रहे थे। इनमें से कुछ मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं।
ये वामपंथी विचारक यहां से गिरफ्तार
वामपंथी सुधा भारद्वाज को उनके फरीदाबाद स्थित आवास से गिरफ्तार किया गया।
वरवर राव को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया।
वामपंथी विचारक अरुण पेरेरा और वर्णन गोनजाल्विस भी हिरासत में लिए गए हैं।
गौतम नवलखा को भी भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में पुलिस ने हिरासत में लिया है।
इन शहरों में छापेमारी
मंगलवार को मुंबई, रांची, हैदराबाद, फरीदाबाद, दिल्ली और ठाणे में छापेमारी की गई। रांची में स्टेन स्वामी को गिरफ्तार नहीं किया गया है, केवल उनके घर की तलाशी ली गई। कार्यकर्ताओं के समर्थकों ने छापे के दौरान प्रदर्शन किया।