नई दिल्ली। देश में ड्रोन के नागरिक इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है जो इस साल एक दिसंबर से प्रभावी होगी, हालांकि ड्रोन से होम डिलिवरी के लिए अभी और इंतजार करना होगा। नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु और राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम (आरपीएएस) के नियम जारी किए। इन नियमों का प्रारूप पिछले साल एक नवंबर को पेश किया गया था। प्रभु ने कहा कि यदि बिना नियमन ड्रोनों के इस्तेमाल की मंजूरी दी जाती तो यह समस्या पैदा कर सकती थी। इसलिए सरकार ने पहले नियमन जारी किया है। अभी सामानों की डिलिवरी के लिए इस्तेमाल की अनुमति नहीं होगी।
सामान डिलिवरी की इजाजत नहीं मिली
नागर विमानन सचिव राजीव नयन चौबे ने बताया कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सामानों की डिलिवरी की अनुमति नहीं दी गई है। मौजूदा तकनीकों से ड्रोन की उड़ान पर तो निगरानी रखी जा सकती है, लेकिन उसके द्वारा ले जाए जाने वाले सामान की निगरानी मुश्किल होगी। नागर विमानन महानिदेशालय के प्रस्तुतिकरण में कहा गया है कि भविष्य में पैक सामानों की डिलिवरी की अनुमति दी जा सकती है।
ये होंगे नियम
- ड्रोन की सबसे छोटी कैटेगरी को नैनो कैटेगरी नाम दिया गया है। इसमें 250 ग्राम तक वजन ले जाया जा सकता है। वजन सीमा को 150 किलोग्राम तक बढ़ाया जा सकता है।
- पहली दो कैटेगरी (250 ग्राम और दो किलो) वाले ड्रोन को छोड़कर सभी कैटेगरी के ड्रोन को रजिस्टर करवाना होगा। ड्रोन को सिर्फ दिन के समय ही उड़ाने की परमिशन होगी।
- ड्रोन का इस्तेमाल करने वाले की उम्र 18 साल होनी चाहिए।
- ड्रोन इस्तेमाल करने वाला दसवीं तक पढ़ा होना चाहिए और अंग्रेजी आनी भी जरूरी है।