नई दिल्ली। केंद्र के खिलाफ आंदोलनरत दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को समर्थन देने क्षेत्रीय दलों के प्रमुख नेताओं के रविवार को दिल्ली पहुंचने के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी से मुलाकात की और 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) को परास्त करने के लिए संयुक्त विपक्ष की महत्ता पर बल दिया। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) अध्यक्ष सोनिया गांधी के विश्वस्त सहयोगी माने जाने वाले पटेल ने राज्यसभा के उपसभापति पद के होने वाले चुनाव के संदर्भ में बनर्जी से चर्चा की।
संसद के उच्च सदन में भाजपा 69 सदस्यों के साथ अकेले सबसे बड़ी पार्टी है और अब वह उपसभापति पद पर अपने उम्मीदवार की जीत को लेकर दिलचस्पी ले रही है। कांग्रेस के पी जे कूरियन निवर्तमान उपसभापति हैं। भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सहयोगी अन्नाद्रमुक के 13 सदस्यों को मिलाकर भाजपा के पक्ष में 105 सदस्य हो सकते हैं , लेकिन इसके बावजूद जीत की सुनिश्चितता के लिए उसे 10-12 अतिरिक्त वोटों की जरुरत होगी।
दूसरी तरफ कुछ गैर-कांग्रेसी पार्टियां उपसभापति पद के लिए अपने स्वयं के उम्मीदवार खड़े करने की इच्छुक हैं और इसकी शुरुआत मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले बीजू पटनायक की अगवाई वाले बीजू जनता दल (बीजद) ने की है। बीजद के नौ सदस्य हैं। दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिये जाने समेत अन्य मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी(आप) के पक्ष में तृणमूल कांग्रेस, तेलुगू देशम पार्टी, जनता दल(सेक्युलर) एवं अन्य विपक्षी दलों ने अपना समर्थन जताया है। इसके विपरीत कांग्रेस ने आप के आंदोलन को इसके नेता अरविंद केजरीवाल का ड्रामेबाजी करार देते हुए उनसे ( केजरीवाल) केंद्र के खिलाफ इस तरह के टकराव का रास्ता त्यागने की अपील की है।