नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने संयुक्त सचिव स्तर पर निजी क्षेत्र से भी नियुक्ति की प्रक्रिया को नरेंद्र मोदी सरकार की प्रशासनिक विफलता करार देते हुए सोमवार को कहा कि यह एक खतरनाक प्रवृति है जिससे केंद्र में नीति निर्धारण में बड़े-बड़े पूँजीपतियों और धन्नासेठों के प्रभाव को और ज्यादा बढावा मिलेगा।
मायावती ने एक बयान में संघीय लोक सेवा आयोग (यू.पी.एस.सी.) की परीक्षा दिए बिना ही केन्द्र सरकार के 10 महत्वपूर्ण विभागों में निजी क्षेत्र से भी 'संयुक्त सचिव' स्तर की नियुक्ति की घोषणा पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि केंद्र और राज्यों की सरकारों के पास निविदा के आधार पर अनुभवी विशेषज्ञों को रखने की व्यवस्था है।
लेकिन केन्द्र में संयुक्त सचिव के स्तर के पद पर बाहरी व्यक्ति को बिना यू.पी.एएस.सी. की स्वीकृति के उच्च सरकारी पदों पर नियुक्त करना सरकारी व्यवस्था का मजाक है। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार गलत परंपरा की शुरुआत कर रही है। उन्होेंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार किसी भी विभाग में विशेषज्ञों को तैयार करने में असमर्थ रही है।