अहमदाबाद। दक्षिण पश्चिम मानसून के इस साल भी गुजरात में समय-पूर्व दस्तक देने की पूरी संभावना है पर इसका प्रवेश अब वैसा धमाकेदार होने की उम्मीद नहीं है जैसा कि मौसम विभाग ने पहले अनुमान लगाया था। भारतीय मौसम विज्ञान के अहमदाबाद केंद्र के निदेशक तथा वरिष्ठ मौसम विज्ञानी जयंत सरकार ने शुक्रवार को बताया कि पहले नौ से 11 जून तक दक्षिण गुजरात में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा के साथ मानसून के प्रवेश की संभावना थी पर अब ऐसी बात नहीं है। वायुमंडलीय परिस्थितियों में बदलाव के चलते अब भारी वर्षा के साथ मानसून के प्रवेश की संभावना नहीं है। यह पूर्व-अपेक्षित से काफी कमजोर स्वरूप में गुजरात पहुंचेगा। हालांकि इसके अब भी सामान्य अवधि 15 जून से पहले (नौ से 11 जून के बीच) गुजरात में प्रवेश की संभावना बनी हुई है। उन्होंने कहा कि इसके असर से दक्षिण गुजरात और दक्षिण पूर्व सौराष्ट्र क्षेत्र में मध्यम दर्जे की वर्षा हो सकती है। पिछले 24 घंटे में भी दक्षिण गुजरात में उम्मीद से काफी कम मानसून-पूर्व की वर्षा हुई है।
गत वर्ष भी हुआ था समय से पूर्व आगमन
ज्ञातव्य है कि गत छह जून को मौसम विभाग ने 9 और 10 जून को दक्षिण गुजरात के चार जिलों वलसाड, सूरत, नवसारी और भरूच में भारी वर्षा की चेतावनी जारी की थी। पिछले साल भी गुजरात में मानसून का समय पूर्व (12 जून को वलसाड में) से प्रवेश हुआ था पर यह तुरंत ही कमजोर पड़ गया था। लगभग एक सप्ताह तक निष्क्रिय रहने के बाद यह जोरदार ढंग से सक्रिय हुआ था। पिछले साल राज्य में 110 प्रतिशत से अधिक मानसूनी वर्षा हुई और अत्यधिक भारी वर्षा के कई दौर के चलते उत्तर गुजरात और सौराष्ट्र में भयावह बाढ़ भी आई थी।