नई दिल्ली। देशभर के 10 लाख बैंक कर्मचारियों की हड़ताल के बाद अब लाखों किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राष्ट्रीय किसान महासंघ के आह्वान पर देशभर के 130 किसान संघों ने 1 जून से 10 जून तक बड़े शहरों में अनाज, सब्जी, फल और दूध की सप्लाई रोकने की चेतावनी दी है।
इस दौरान देशभर के किसान अपनी उपज या उत्पाद न शहरों में पहुंचाएंगे और न ही शहरों से कुछ लाएंगे। इससे देशभर में खासकर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद जैसे महानगरों में हाहाकार मच सकता है। किसान महासंघ के राष्ट्रीय संयोजक अभिमन्यू कोहर ने कहा कि उनका मकसद देशवासियों को कष्ट पहुंचाना नहीं है। इसलिए इस दौरान लोग अपनी घरेलू जरूरतों के लिए सीधे गांव आकर फल, सब्जी, दूध, अनाज खरीद सकते हैं। इसके लिए लोगों को लागत कीमत पर पचास फीसदी ज्यादा का भुगतान करना होगा। मध्यप्रदेश में किसानों के इस आंदोलन को लेकर सरकार खास ऐहतियात बरत रही है।
भोपाल की तरफ जा सकते हैं किसान
कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि 1 से 10 जून तक चलने वाले इस आंदोलन के दौरान किसान भोपाल की तरफ भी रूख कर सकते हैं। इंटेलीजेंस आईजी मकरंद देउस्कर ने कहा है कि किसानों के आंदोलन से कानून-व्यवस्था न बिगड़े इसके लिए पुलिस और किसानों के बीच लगातार संवाद चल रहा है। प्रस्तावित आंदोलन को देखते हुए एसएएफ की 89 कंपनियों और पांच हजार रंगरुटों को विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया है।
पुलिस ने खरीदे हजारों डंडे
सूत्रों के हवाले से खबर यह भी है कि पिछले साल पुलिस मुख्यालय ने डंडे, हेल्मेट, बॉडी टॉली, इत्यादि को लेकर एक टेंडर निकाला था। चार महीने में राज्य की ही एक फर्म ने 40 लाख रुपए में करीब 35 हजार डंडे सप्लाई किए हैं। मंदसौर, नीमच, रतलाम सहित प्रदेश के 35 संवेदनशील जिलों में उपद्रवियों से निपटने के लिए पुलिस को 10 हजार अतिरिक्त लाठियां दी गई हैं। इसके अलावा जल्द पहुंचने के लिए 100 अतिरिक्त गाड़िंया भी दी गई हैं। पुलिसकर्मियों को 20 हजार हेलमेट और चेस्ट गार्ड भी दिए गए हैं।
ये जिले संवेनशील
मंदसौर, रतलाम, नीमच, शाजापुर, आगर-मालवा, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, भोपाल, होशंगाबाद, हरदा, राजगढ़, रायसेन, सीहोर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, बालाघाट, ग्वालियर, श्योपुर और मुरैना शामिल हैं। पुलिस ने अंदरूनी रिपोर्ट में किसानों की सक्रियता के बाद इन्हें इस लिस्ट में शामिल किया है।
भोपाल से होगी मॉनीटिरिंग
जवानों को 24 घंटे तक डयूटी पर तैनात रहने के निर्देश भी भेज दिए गए हैं। इसके अलावा पूरे आंदोलन की मॉनीटिरिंग भोपाल मुख्यालय से की जाएगी। पिछले साल भी मध्य प्रदेश के मंदसौर में किसानों का एक बड़ा आंदोलन हुआ था। इस आंदोलन के दौरान पुलिस फायरिंग में छह किसानों की मौत हो गई थी। आंदोलन के दौरान आम लोगों को दूध और सब्जियों को लेकर काफी परेशानी हुई थी।
कब क्या होगा
- 1 से 4 जून तक गांवों में युवाओं के सांस्कृतिक कार्यक्रम और पुरानी खेल गतिविधियां होंगी।
- 5 जून को धिक्कार दिवस मनाएंगे। गांवों में ही चौपालें होंगी, जिसमें किसान विरोधी फैसलों पर चर्चा की जाएगी।
- 6 जून को पिछले साल मारे गए किसानों को शहीद मानते हुए श्रद्धांजलि सभा होंगी।
- 8 जून को असहयोग दिवस मनाया जाएगा।
- 10 जून को भारत बंद रहेगा।
दस दिन थाने में ही सोएंगे टीआई
किसान आंदोलन को लेकर इंदौर जिले की पुलिस ने अपनी सभी तैयारी कर ली है। अधिकारियों के मुताबिक थाना प्रभारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे रात में 10 दिन थानों में ही रहेंगे। डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र ने गुरुवार को वायरलेस पर निर्देश जारी करते हुए सभी थाना प्रभारियों को 10 दिन तक चलने वाले किसान आंदोलन के दौरान थाने में ही रात में सोने के निर्देश दिए हैं। डीआईजी ने बताया जिस अधिकारी की ड्यूटी जहां रहेगी, वह उसी स्थान पर रहेगा।
उन्होंने बताया आंदोलन के लिए कम्युनिकेशन प्लान बनाया है, जिसमें 50 टीमें बनाई गई हैं। ये टीमें आंदोलन में शामिल रहेंगी। इधर, जिले के 60 से 65 गांवों में टीम नजर रखेगी। गांव के अंदर किसानों की होने वाली बैठक और लोकेशन की जानकारी उनकी टीम को मिलती रहेगी, ताकि किसानों को किसी तरह का विवाद करने के पहले ही रोक लिया जाए।