नई दिल्ली। किसानों की बदतर होती आर्थिक स्थिति और इनके बड़ी संख्या में आत्महत्याएं करने जैसी घटनाओं के विरोध में देशभर के किसान एक से दस जून तक सामूहिक छुट्टी पर रहेंगे और खेतों में भी काम नहीं करेंगे। किसानों ने इस विरोध को 'गांव बंद' का नाम दिया है।
देशभर में 172 से अधिक किसान संगठन इस आंदोलन का समर्थन कर चुके हैं। किसान संगठनों का कहना है कि भाजपा ने लोकसभा चुनावों में किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद पार्टी अपने वादे से पीछे हट गई।
ऐसे में मजबूरन किसानों को आंदोलन का फैसला लेना पड़ रहा है। किसानों की यह हड़ताल मध्यप्रदेश ,दिल्ली, उप्र, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आध्रप्रदेश, उत्तरांचल, हिमाचल सहित 22 राज्यों में होगी।
इस तरह होगी हड़ताल
1 जून से लेकर 10 जून तक गांवों को पूरी तरह से सील कर दिया जाएगा।
किसान और उनके परिवार के लोग गांव से बाहर नहीं जाएंगे।
गांवों से बाहर शहर में कोई भी सामान जैसे कि सब्जियां, फल और दूध नहीं ले जाए जाएंगे।
आंदोलन के दौरान किसान खेतों में भी काम नहीं करेंगे।
ये भी होंगे शामिल
किसानों के आंदोलन में महाराष्ट्र की डिब्बा यूनियन, पश्चिम बंगाल की फिशर मैन यूनियन, हिमाचल की फूड एंड वैजिटेरियन यूनियन भी शामिल होगी।
वाट्सएप से दी जा रही जानकारी
किसानों को इस हड़ताल की जानकारी देने के लिए भी हाईटेक तकनीक अपनाई जा रही है। किसानों के वाट्सएप ग्रुपों में भी रागनी के माध्यम से हड़ताल के बारे में जानकारी दी जा रही है।
किसानों की मुख्य मांगे
किसानों की सुनिश्चित आय
फसल का मूल्य किसान को तय करने का अधिकार
किसानों की संपूर्ण कर्ज माफी
फसलों के वाजिब दाम आदि।
मप्र में 240 घंटे चुनौती भरे
किसान आंदोलन को लेकर मध्यप्रदेश पुलिस आॅपरेशन 240 घंटे चला रही है। इंटेलिजेंस को इनपुट मिला है कि आंदोलन के 240 घंटे सबसे चुनौतीपूर्ण हैं। इसलिए पुलिस मुख्यालय ने जिलों में तैनात 15 हजार जवानों को 24 घंटे तैनात रहने के निर्देश दिए हैं। 10 दिनों तक किसी भी अधिकारी-कर्मचारी को छुट्टी नहीं दी जाएगी। इंटेलिजेंस आईजी मकरंद देउस्कर का कहना है कि किसान संगठनों ने शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करने की बात कही है, लेकिन फिर भी पुलिस और प्रशासन ने मिलकर माकूल इंतजाम किए गए हैं। चिन्हित जिलों में सभी संसाधान और अतिरिक्त फोर्स को तैनात किया गया है।
मप्र में यह है पुलिस तैयारी
- कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए चिन्हित 35 जिलों को 10 हजार लाठियों के साथ हेलमेट, चेस्टगार्ड और 100 चार पहिया पुलिस वाहन दिए गए।
- इंदौर, राजगढ़ में 8-8, मुरैना में 7, भोपाल, दतिया में 6-6, शिवपुरी, गुना, सतना में 5-5 गाड़ियां दी।
- एसएएफ की 87 कंपनी, 5000 नव आरक्षकों के साथ 15 हजार अतिरिक्त जवान तैनात।
- इंटेलिजेंस और लोकल पुलिस की किसान नेताओं पर नजर।