नई दिल्ली। श्रीलंका में बारिश और हवाओं के कारण कम से कम 21 लोगों की मौत हो गई और दो अन्य लापता हो गए। खराब मौसम के कारण देशभर में एक हफ्ते में डेढ़ लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। आपदा राहत मंत्री डुमिंडा दिसानायके ने बताया कि अधिकतर मौत बिजली गिरने से हुई जबकि नौ लोगों की डूबकर मौत हो गई। उन्होंने कहा कि हमने अस्थायी राहत शिविरों में 45 हजारों लोगों को रखा है। उन्होंने कहा कि देश के 25 प्रशासनिक जिलों में से 21 खराब मौसम से प्रभावित हैं।
उत्तर-पूर्वी मानसून के शुरू होने के बाद से 16 मई से भारी बारिश हुई और कई स्थानों पर जलभराव हो गया और पहाड़ी जिलों में भूस्खलन की चेतावनी जारी की गई। मंत्री ने कहा कि बारिश और हवाओं में सौ से अधिक घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं वहीं सेना को राहत और बचाव अभियानों में तैनात किया गया।
श्रीलंका में मानसूनी बारिश से मरने वालों की संख्या 19 हो गई थी, जबकि 1,28,000 से अधिक लोग बारिश से प्रभावित हुए। खबरों के मुताबिक, देश के आपदा प्रबंधन केंद्र (डीएमसी) के प्रवक्ता प्रदीप कोडिप्पिली ने कहा कि दक्षिण में दो लोग लापता हैं, जबकि 45,000 से अधिक लोगों को क्षेत्र से खाली कराकर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।
कोडिप्पिली ने कहा कि आने वाले दिनों में अधिक बारिश हो सकती है और नदियों और झीलों के नजदीक निचले इलाकों में रहने वालों को घर खाली करने की सलाह दी गई है और प्रभावित जिलों में सहायता पहुंचाने के लिए पुलिस के साथ सेना के तीनों अंगों को तैनात किया गया है। कोडिप्पिली ने नौसेना और मछुआरा समुदाय को भी सतर्क रहने की चेतावनी दी है।
इस हफ्ते की शुरुआत में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने प्रासंगिक अधिकारियों को बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित लोगों को तुरंत राहत प्रदान करने के निदेर्श दिए थे। मौसम विभाग ने कहा है कि सबरागामुवा, पश्चिमी, मध्य और उत्तर-पश्चिमी प्रांतों और गाले व मतारा जिलों के कुछ स्थानों पर 100 मिलीमीटर से अधिक बारिश गिरने की संभावना है।