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देश में तीन चौथाई महिलाएं सेनेटरी नैपकिन से हैं कोसों दूर

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 27 2018 3:45PM | Updated Date: May 27 2018 3:46PM
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नई दिल्ली। आधुनिकता एवं सूचनाओं के तमाम विकल्पों के बावजूद देश की तीन चौथाई से अधिक लगभग 82 प्रतिशत महिलाएं सेनेटरी नैपकिन का इस्तेमाल नहीं करतीं और आज भी माहवारी के दौरान पुराने तौर-तरीके अपनाती हैं।
 
दिलचस्प बात यह भी है कि सेनेटरी नैपकिन का इस्तेमाल करने वाली शेष महिलाएं भी प्रोडक्ट के सही इस्तेमाल को लेकर जागरुक नहीं हैं। दोनों ही तथ्यों के बारे में गौर किया जाये तो इसकी प्रमुख वजह यही सामने आती है कि अधिकांश तौर पर महिलाएं इस संबंध में किसी से खुलकर चर्चा नहीं करना चाहतीं और असुरक्षित विकल्प अपनाने के लिए विवश रहती हैं। इसका परिणाम उनके मूत्र एवं प्रजनन वाले हिस्से में संक्रमण के अलावा मानसिक तनाव एवं चिंता के रूप में सामने आता है।
 
आगामी 28 मई को मासिक धर्म स्वच्छता दिवस के मौके पर पहले मासिक धर्म जागरुकता सम्मेलन के दौरान महत्वाकांक्षी पंचवर्षीय योजना नाईन मूवमेंट का दिल्ली में शुभारंभ किया जायेगा। इस मूवमेंट को प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार ने अपना समर्थन दिया है। अक्षय कुमार की हाल ही में पुरस्कार प्राप्त फिल्म 'पैडमैन' में मासिक धर्म से जुड़ी गलत अवधारणाओं और समस्याओं पर प्रकाश डाला गया था। सम्मेलन में जानी-मानी फिल्मी हस्तियां, अकादमिक, एनजीओ, सामाजिक कार्यकर्ता एवं विचारक हिस्सा लेंगे। सम्मेलन के प्रतिभागी मासिक धर्म से जुड़ी उन गलतफहमियों पर चर्चा करेंगे, जिनके कारण सदियों से लड़कियों और महिलाओं को उनकी क्षमता के सही इस्तेमाल और मासिक धर्म के दौरान गरिमामय जीवन जीने से दूर रखा जाता रहा है। 
 
नाईन मूवमेंट के संस्थापक अमर तुलस्यान का कहना है कि मासिक धर्म स्वच्छता को लेकर जागरुकता एक बड़ा गंभीर मुद्दा है। देश में बड़ी संख्या ऐसी महिलाओं की है जो पीरियड्स के दौरान सुरक्षित और हाईजीनिक उत्पादों का इस्तेमाल नहीं करतीं। उन्होंने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि हम हर व्यक्ति को नाइन मूवमेंट के साथ जुड़ने के लिए प्रेरित कर सकेंगे। मुझे विश्वास है कि हम सभी मिलकर इस दिशा में एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं। इस बारे में खुलकर चर्चा के जरिए और लोगों को शिक्षित कर मासिक धर्म से जुड़ी अवधारणा में बदलाव लाने के साथ ही पाबंदियों पर रोक लगा सकते हैं।
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