वॉशिंगटन। सिंधु जल संधि के तहत झेलम और चेनाब नदी पर रैट्ल हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्लांट (850 मेगावाट) और किशनगंगा (330 मेगावाट) के निर्माण के भारत के कदम से नाराज पाकिस्तान पाकिस्तान को वर्ल्ड बैंक ने झटका दिया है। वर्ल्ड बैंक ने स्पष्ट किया है कि 21 मई और 22 मई को सिंधु जल संधि पर चार सदस्यीय पाकिस्तानी प्रतिनिधि और वर्ल्ड बैंक के बीच हुए बैठक में कोई मध्यस्थता नहीं हो सकी।
हालांकि, बैंक ने यह भी कहा कि यह दोनों देशों के साथ संधि प्रावधानों के अनुरूप मुद्दों को हल करने के लिए काम करना जारी रखेगा।
वर्ल्ड बैंक ने इस दौरान जम्मू कश्मीर के बंदीपोरा जिले में किशनगंगा हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्लांट के हालिया उद्घाटन पर भी चिंता व्यक्त की। इसके पहले 18 मई को पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने भारत के दिवारा निर्माण किये जा रहे हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्लांट को लेकर चिंता जताई थी और भारत पर ये आरोप लगाया था कि वह जल संधि का उल्लंघन कर रहा है।
बता दें कि भारत ने सिंधु जल संधि के तहत झेलम और चेनाब नदी पर रैट्ल हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्लांट (850 मेगावाट) और किशनगंगा (330 मेगावाट) के निर्माण की अनुमति दी है। पाकिस्तान ने किशनगंगा प्रोजेक्ट पर भी आपत्ति दर्ज की थी और वर्ल्ड बैंक का दरवाजा खटखटाया था।