शिनजियांग। चीन में मुसलमानों पर हो रहे खौफनाक अत्याचारों को लेकर चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक यहां शिक्षा शिविरों में मुसलमानों पर नीतिगत तरीके से अत्याचार किया जा रहा है। कुछ दिन पहले मीडिया रिपोर्ट्स में सामने आया था कि चीन ने अपने यहां की मुस्लिम आबादी को शिक्षित करने के लिए शिविर खोले हैं, लेकिन इन शिविरों से निकले कुछ मुसलमानों ने जो आपबीती सुनाई वह परेशान करने वाली है। उनका कहना है कि वहां जिंदगी नर्क थी।
शिविर में रहे एक शख्स समरकंद ने कहा इस शिविर में उन्हें लगातार टॉर्चर का सामना करना पड़ा और उनका ब्रेनवॉश करने की कोशिश की गई। उन्हें हर दिन घंटों कम्युनिस्ट पार्टी का प्रोपेगंडा पढ़ने को मजबूर किया गया। सारे मुसलमानों से हर दिन राष्ट्रपति शी जिनपिंग को शुक्रिया कहने वाले और उनकी लंबी उम्र की कामना वाले नारे लगवाए गए।
समरकंद के मुताबिक जो मुसलमान शिविर में नियमों का पालन नहीं करते या बहस करते थे, उन्हें 12 घंटों के लिए बेड़ियों में जकड़ दिया जाता था। ऊमर बेकाली ने कहा इन शिविरों में घटिया क्वालिटी का खाना दिया जा रहा है। कुछ अच्छा मांगने पर सजा के तौर पर जबरन सूअर का मांस खिलाया जाता है और शराब पिलाई जाती है, जबकि इस्लाम में ये दोनों ही हराम हैं।
शिविर से निकले एक और शख्स कयारत समरकंद ने कहा उसकी गलती सिर्फ ये थी कि वह मुस्लिम है और पड़ोसी देश कजाखस्तान गया था। सिर्फ इसी आधार पर उसे अरेस्ट कर लिया गया। तीन दिन तक कड़े सवाल-जवाब किए गए और फिर नवंबर में चीन के शिनजियांग में तीन महीने के लिए 'रीएजुकेशन कैंप' में भेज दिया गया। इसके अलावा नियमों का पालन न करनेवालों के मुंह में गंदा पानी डाल दिया जाता था। मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यूरोपीयन स्कूल आॅफ कल्चर एंड थियॉलजी इन कोर्नटल के आद्रियान जेंज ने कहा है कि चीन के इन रीएजुकेशन कैंप में कई हजार मुस्लिमों को रखा गया है। शिनजियांग प्रांत में करीब 1.10 करोड़ मुस्लिम हैं, जिनमें से बड़ी संख्या को एजुकेशन कैंप के नाम पर हिरासत में रखा गया है।