बर्लिन। जर्मनी अमेरिका के ईरान पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के बाद भी वहां काम करने वाली अपनी कंपनियों की मदद करना चाहता है लेकिन किसी भी लड़ाई में डालना उनके लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है। जर्मनी के विदेश मंत्री हेईको मास ने रविवार को कहा कि फ्रांस और ब्रिटेन के साथ जर्मनी भी परमाणु समझौते के लिए प्रतिबद्ध है। तीनों यूरोपीय देशों के विदेश मंत्री ईरान के विदेश मंत्री के साथ मंगलवार को बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में आगे का रास्ता निकालने के लिए चर्चा करेंगे।
उन्होंने एक अखबार से कहा, मुझे अमेरिकी प्रतिबंधों के जोखिमों से शील्ड कंपनियों के लिए एक आसान समाधान दिखाई नहीं दे रहा है। इस समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले यूरोपीय, ईरान तथा अन्य देशों के साथ वार्ता इसलिए भी हो रही है कि ईरान के साथ व्यापार को कैसे जारी रखा जा सकता है? उन्होंने कहा कि यूरोपीय देश यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि ईरान परमाणु समझौते के नियमों और प्रतिबंधों का पालन करना जारी रखेगा। उन्होंने कहा, आखिरकार, ईरान वार्ता के लिए तैयार है।
यह स्पष्ट है कि आर्थिक प्रोत्साहन भी जारी रखना चाहिए जो अमेरिका के निर्णय के बाद आसान नहीं होगा। गौरतलब है कि अमेरिका ने गत मंगलवार को ईरान के साथ वर्ष 2015 में हुए परमाणु समझौते से हटने की घोषणा की थी। इसके बाद उसने ईरान पर पाबंदी लगा दी थी और उसके साथ व्यापार करने वाली विदेशी कंपनियों को दंडित करने की धमकी दी थी।