नई दिल्ली। एक तरफ अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। वहीं, दूसरी ओर अयोध्या विवाद को सुलझाने के लिए आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर शुक्रवार को बेंगलुरु में मुस्लिम धर्म गुरुओं से मिले।
ये हुई मीटिंग में बात
मीटिंग में विवादित जगह पर ही राम मंदिर बनाने की बात हुई है लेकिन मस्जिद बनाने के लिए अलग-अलग जगहें बताई गई हैं। फॉर्मूले को लेकर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है इसलिए बातचीत आगे भी जारी रहेगी।
अगली बैठक अयोध्या में
अतहर हुसैन ने बताया, बैठक में विवाद के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। हिंदुओं और मुसलमानों के बीच बढ़ती दूरियों पर बात की गई। इस मुद्दे पर अब अगली बैठक मार्च में रखी गई है। यह बैठक अयोध्या में होगी, जहां संत और मौलाना मिलकर बात करेंगे।
कई घंटे चली मीटिंग
अयोध्या के भूमि विवाद पर दोनों पक्षों की बैठक करीब 4 घंटे तक चली। इसमें 6 सदस्यीय इस प्रतिनिधि मंडल में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यकारी अधिकारी मौलाना सलमान हुसैनी नदवी, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जफर फारूकी, पूर्व आईएएस अधिकारी अनीस अंसारी, अधिवक्ता इमरान अहमद, टीले वाली मस्जिद के मौलाना वासिफ हसन वैजी, ऑब्जेक्टिव रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट के निदेशक अतहर हुसैन शामिल रहे।
राम मंदिर के समर्थन में मौलाना सईद
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के एग्जिक्यूटिव मेंबर मौलाना सईद सलमान हुसैन नदवी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के समर्थन में उतर आए हैं। मीटिंग में मौलाना ने कहा कि राम मंदिर के लिए मस्जिद को कहीं और शिफ्ट किया जा सकता है। अगर आपसी बातचीत से रास्ता निकले तो मुसलमान जमीन छोड़ने के लिए तैयार हो सकते हैं। मौलाना ने कहा कि मजहब में जगह बदलने की गुंजाइश है लेकिन इस बात का करार हो कि आगे से कहीं किसी भी मस्जिद, मदरसे के साथ छेड़छाड़ ना हो।