नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में आयोध्या विवाद पर आज से फिर सुनवाई शुरू हो रही है। इस पर 8 दिसंबर को भी सुनवाई हुई थी, लेकिन दस्तावेजों का अनुवाद नहीं हो पाया था, इसलिए कोर्ट ने तारीख दो महीने और बढ़ा दी थी। यह संभावित सुनवाई महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली विशेष पीठ ने सुन्नी वक्फ बोर्ड तथा अन्य की इस दलील को खारिज किया था कि याचिकाओं पर अगले आम चुनावों के बाद सुनवाई हो।
सुनावाई में जल्दी क्यों है?
5 दिसंबर को मुस्लिम पक्षकार की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि मामले की सुनावाई के लिए इतनी जल्दी क्यों है?
अब नहीं होगी देरी
हालांकि विशेष पीठ ने यह स्पष्ट कर दिया था कि वह आठ फरवरी से इन याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई शुरू करेगी और अब इस मामले की सुनवाई में देरी नहीं की जाएगी।
सात साल से लंबित है अपील
राम जन्मभूमि ट्रस्ट, राम लला व अन्य की ओर से हरीश साल्वे और सीएस वैद्यानथन व अन्य पेश हुए थे। साल्वे ने कहा था कि अपील सात साल से लंबित है। इस बात का किसी को नहीं पता कि क्या फैसला होना है। मामले में सुनवाई होनी चाहिए। कोर्ट को इस बात से कोई मतलब नहीं होता कि बाहर क्या परिस्थितियां है और क्या हो रहा है।