काठमांडू। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी और प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा सहित विभिन्न नेताओं ने मुलाकात की और उन्हें हाल ही संपन्न त्रिस्तरीय चुनावों में जीत की बधाई देने के साथ नेपाल के विकास में भारत के सहयोग का वादा दोहराया। नेपाल की दो दिन की यात्रा पर कल यहां पहुंचीं स्वराज ने कल नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (यूएमएल) के नेता एवं भावी प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली और नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी सेंटर) के नेता पूर्व प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल प्रचंड से भी भेंट की। विदेश मंत्री के साथ विदेश सचिव विजय गोखले और नेपाल में भारत के राजदूत भी थे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यहां बताया कि श्रीमती स्वराज ने सुबह राष्ट्रपति श्रीमती भंडारी से मुलाकात की को नेपाल में सफल चुनाव कराने के लिए बधाई दी। उन्होंने बताया कि मुकालात के दौरान दोनों नेताओं ने भारत तथा नेपाल के बीच बहुआयामी संबंधों को आगे बढ़ाने को लेकर चर्चा की। इससे पहले कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी) के नेता एवं नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कुमार दहल (प्रचंड) ने होटल में जाकर स्वराज से मुलाकात की। लगभग आधे घंटे तक चली इस मुलाकात के बाद दहल ने कहा कि उनके बीच किसी गंभीर मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई। उन्होंने कहा, "हमने उन्हें चुनाव के बाद की स्थित और नई सरकार के गठन के बारे में अवगत कराया।"
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि उनके विचार में श्रीमती स्वराज सद्भावना यात्रा पर आयीं हैं। उन्होंने कहा, "मुलाकात के दौरान उन्होंने मुझे जीत की बधाई दी।" उन्होंने कहा है कि नयी सरकार राष्ट्र की स्थिरता और विकास के लिए अपने पड़ोसी भारत के साथ मिलकर काम करेगी। स्वराज ने यूएमएल नेताओं तथा अधिकारियों के साथ होने वाली प्रधनिधि स्तर की बातचीत से पहले कल यहां सीपीएन (यूएमएल) के अध्यक्ष के पी शर्मा ओली के साथ भेंट की थी। नेपाल के चुनाव परिणामों और राजनीतिक समीकरणों के अनुसार श्री ओली के शीघ्र ही प्रधानमंत्री पद संभालने की संभावना है।
स्वराज ने मधेशियों की प्रभुत्ववाली पार्टियों के नेताओं से भी बातचीत की थी। उन्होंने संघीय सोशलिस्ट फोरम -एन के अध्यक्ष उपेन्द्र यादव और महंत ठाकुर तथा राष्ट्रीय जनता पार्टी के अन्य नेताओं से मुलाकात की और उन्हें चुनावी जीत की बधाई दी। प्रवक्ता के अनुसार स्वराज ने नेपाल की सरकार एवं जनता को त्रिस्तरीय चुनावों के सफलता से संपन्न होने पर बधाई दी और कहा कि लोकतांत्रिक संक्रमण काल में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उन्होंने सभी राजनीतिक नेताओं से कहा है कि भारत की सरकार नेपाल की लोकतांत्रिक ढंग से चुनी सरकार के साथ मिलकर अपने द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊँचाई पर ले जाने की उम्मीद रखती है और नेपाल सरकार की प्राथमिकताओं के आधार पर उनके समर्थन से नेपाल के विकास में सहयोग देगी।