नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को कहा कि पत्रकारिता अपने कठिन दौर से गुजर रही है और अच्छी पत्रकारिता को बनाए रखना तथा लाभदायक बनाये रखना किसी भी कठिन चुनौती से कम नहीं है। कोविंद ने यहां रामनाथ गोयनका (आरएनजी) पत्रकारिता पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए कहा,‘‘मीडिया के एक वर्ग ने समाचार के नाम पर मनोरंजन का सहारा लिया है। महान सामाजिक और आर्थिक विषमताओं को उजागर करने वाली कहानियों को नजरअंदाज किया जाता है।’’
उन्होंने कहा,‘‘यदि पत्रकारिता को प्रासंगिक बने रहना है, तो उसे अपने मिशन की भावना को बनाए रखना होगा और उसे ईमानदारी तथा निष्पक्षता के अपने मूल्यों को पुन: प्राप्त करना होगा।’’ फर्जी खबरों के प्रचलन की चर्चा करते हुए कोविंद ने कहा ‘‘पत्रकार अपने कर्तव्य के अनुरूप कई काम करते हैं। इन दिनों, वे अक्सर एक अन्वेषक, एक अभियोजक और एक न्यायाधीश की भूमिका ग्रहण करते हैं। यह सच में आने के लिए एक समय में कई भूमिका निभाने के लिए पत्रकारों की आंतरिक शक्ति और अविश्वसनीय जुनून की बहुत आवश्यकता है। उन्होंने इसके लिए ‘ब्रेकिंग न्यूज’ सिंड्रोम को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी ने पत्रकारिता की एक नई पीढ़ी को जन्म दिया है जो पारंपरिक पत्रकारिता के विपरीत है।