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मोदी सरकार ला रही है ये खास योजना, मिलेंगे 15 लाख रुपए, ऐसे...

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jan 16 2020 12:29PM | Updated Date: Jan 16 2020 4:38PM
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नई दिल्‍ली। केंद्र सरकार जल्द ही गंभीर श्रेणी की दुर्लभ बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को इलाज के लिए 15 लाख रुपए तक की रकम उपलब्ध कराएगी। इसके लिए दुर्लभ बीमारी राष्ट्रीय नीति (नेशनल पॉलिसी फॉर रेयर डिजीज) का मसौदा तैयार हो चुका है। केंद्र सरकार जल्द ही गंभीर श्रेणी की दुर्लभ बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को इलाज के लिए 15 लाख रुपए तक की रकम उपलब्ध कराएगी।
 
इसके लिए दुर्लभ बीमारी राष्ट्रीय नीति (नेशनल पॉलिसी फॉर रेयर डिजीज) का मसौदा तैयार हो चुका है, जिसमें राष्ट्रीय आरोग्य निधि योजना के तहत मरीज को एक बार इलाज के लिए यह आर्थिक सहयोग देने का प्रावधान किया गया है। सरकार की तरफ से जारी किए गए मसौदे में यह लाभ गरीबी की रेखा से नीचे के परिवारों तक ही सीमित नहीं रखा गया है बल्कि आयुष्मान भारत (प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना) के तहत पात्र मानी गई 40 फीसदी आबादी को भी इस नई नीति का लाभ मिलेगा।
 
हालांकि यह रकम केवल सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पर ही दी जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मसौदा नीति को अपनी वेबसाइट पर जारी करते हुए 10 फरवरी तक इस पर सुझाव मांगे हैं। मंत्रालय इसके लिए कुछ खास चिकित्सा संस्थानों को दुर्लभ बीमारियों के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तौर पर अधिसूचित करने की तैयारी में है।
 
इनमें एम्स (दिल्ली), मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (दिल्ली), संजय गांधी पीजी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (लखनऊ), चंडीगढ़ पीजीआई और चार अन्य संस्थान शामिल हैं। ऑनलाइन चंदा लेकर जुटाएगी पैसा मसौदा नीति में कहा गया है कि इन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में मरीजों के खर्च की लागत ऑनलाइन चंदे के जरिये जुटाई जाएगी।
 
नीति के मुताबिक, सरकार स्वैच्छिक व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट दाताओं से दुर्लभ बीमारियों के रोगियों की उपचार लागत में आर्थिक मदद लेने के लिए एक डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से वैकल्पिक फंडिंग सिस्टम बनाएगी। 2017 में भी जारी की थी नीति केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इससे पहले जुलाई, 2017 में भी नेशनल पॉलिसी फॉर ट्रीटमेंट ऑफ रेयर डिजीज (एनपीटीआरडी) जारी की थी। लेकिन उसमें फंडिंग आदि की स्पष्टता नहीं होने के चलते राज्य सरकारों की तरफ से ऐतराज जताया गया था। इसके बाद नवंबर 2018 में सरकार ने इस पर पुनर्विचार के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन कर दिया था।
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