इटानगर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा पर आधारभूत संरचना को पुख्ता करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सिंह ने अरुणाचल प्रदेश में निचली दिबांग घाटी में सिस्सेरी नदी पुल के उद्घाटन करने के मौके पर यह बात कही। यह 200 मीटर लंबा पुल जोनाई-पासीघाट-राणाघाट-रोइंग रोड पर है जो दिबांग घाटी तथा सियांग को जोड़ेगा। इससे पासीघाट से रोइंग आने में लगने वाले समय में पांच घंटे की कमी आएगी। राज्य के लोग लंबे अर्से से इसकी मांग कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम कार्यक्रम शुरू किया है।
रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में सिंह के हवाले से कहा गया है कि पूर्वोतर के लोगों और पूरे देश की सुरक्षा के लिए आधारभूत संरचना का उन्नयन किया जाना जरूरी है। रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ से पूर्वोतर के राज्यों खासकर अरुणाचल प्रदेश में विकासात्मक ढांचे के त्वरित विकास से नयी संभावनाओं के दरवाजे खुलेंगे। उन्होंने कहा कि सिस्सेरी नदी पुल प्रदेश के समग्र विकास में अहम भूमिका अदा करेगी और इससे रोजगार, पर्यटन और व्यापार के क्षेत्र में नये अवसर पैदा होंगे। सिंह ने सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की सामरिक आवश्यकताओं को पूरा करने और पूरे देश में सड़कों तथा पुलों को बनाने एवं उसका रखरखाव करने के लिए सीमा सड़क संगठन की तारीफ की।
सिंह ने टवीट् कर कहा था,‘‘ अरुणाचल प्रदेश में तवांग के निकट बुमला में अग्रिम सैन्य चौकियों का निरीक्षण किया और भारतीय सेना के अधिकारियों तथा जवानों से विस्तार से बातचीत की। सबसे दुर्गम और चुनौतीपूर्ण वातावरण में भी सेना देश की सरहदों की हिफाजत कर रही है।’’ रक्षा मंत्री ने यह भी कहा था, ‘‘ बुमला की मेरी यात्रा के दौरान मुझे यह जानकारी मिली कि भारतीय और चीनी सेना के बीच सीमा को लेकर भले ही अनूभूति संबंधी मतभेद हों लेकिन वे दोनों वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव को कम करने के लिए वाकई संवेदनशील हैं। हर तरह की स्थितियों में परिपक्वता दिखाने के लिए मैं भारतीय सेना को बधाई देता हूं।’’ गौरतलब है कि सिंह ने तवांग में गुरुवार को 11वे मैत्री दिवस समारोहों में हिस्सा लिया था।