नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि ‘नए भारत’ का मार्ग ‘नए पूर्वोत्तर’ से होकर गुजरता है इसलिए सरकार पूर्वोत्तर गलियारा बनाने पर विचार कर रही है। सिंह ने अरूणाचल प्रदेश के तवांग में 11वें मैत्री दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि एकट ईस्ट नीति के तहत पूर्वोत्तर क्षेत्र का विकास सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि अरूणाचल गलियारा भारत और दक्षिण एशिया के बीच भूमि सेतु के रूप में काम करेगा। यह गलियारा रोजगार अवसरों का सृजन करेगा और व्यापार तथा पर्यटन को बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश चौतरफा विकास के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है और इस ‘नए भारत’ का मार्ग ‘नए पूर्वोत्तर’ से होकर गुजरता है।
सीमा क्षेत्रों में संपर्क में सुधार के प्रति सरकार के संकल्प की चर्चा करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा है कि इसके तहत सेला दर्रा से तवांग तक सुरंग निर्माण, पासीघाट हवाई अड्डे को चालू करना, ईटानगर के निकट होलोंगी हवाई अड्डा स्थापना की मंजूरी और क्षेत्र में तीन रणनीतिक रेल लाइनों की स्थापना की जायेगी। उनहोंने कहा कि इन परियोजनाओं से स्थानीय लोगों तथा सैन्य कर्मियों को सभी मौसम में आवागमन की सुविधा मिलेगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू की पंचवर्षीय सड़क योजना की सराहना करते हुए कहा कि इसके तहत 2024 तक सभी वर्तमान अंतर-राजय तथा अंतर-जिले सड़कें राजय उच्च मार्ग मानकों के अनुरूप उन्नत बनाई जायेंगी।
उन्होंने कहा कि ‘मैत्री दिवस’ समारोह क्षेत्र के लोगों की देशभक्ति तथा सशस्त्र बलों के साथ उनकी घनिष्ठता का संदेश देता है। आम लोगों और सेना की मित्रता इस बात का संकेत है कि देश की सीमाएं सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि नए भारत के सपनों को साकार करने के लिए लोगों, नागरिक प्रशासन, पुलिस तथा केनद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में एक भाव होना चाहिए। रक्षा मंत्री ने सीमावर्ती राज्य के युवाओं से सशस्त्र सेनाओं में शामिल होने का आग्रह करते हुए कहा कि मंत्रालय तवांग सहित अरूणाचल प्रदेश के अनय भागों में सेना भर्ती केन्द्र स्थापित करने का काम करेगा।
उन्होंने बताया कि रक्षा मंत्रालय ईटानगर में सेना संपर्क सेल बनाने पर विचार कर रही है ताकि अरूणाचल प्रदेश में संचालन उद्देश्यों के लिए सेना के साथ सहयोग में सहायता हो सके। दो दिवसीय सामाजिक-सैन्य सांसकृतिक समारोह भारतीय सेना, तवांग नागरिक प्रशासन तथा स्वंयसेवियों द्वारा आयोजित किया जा रहा है। सिंह और खांडू ने समारोह का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया । इस मौके पर सेना की पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान भी मौजूद थे। रक्षा मंत्री तवांग युद्ध स्मारक भी गए और 1962 के युद्ध में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।